पुरानी पेंशन बहाली की मांग को कोटद्वार में सड़कों पर उतरा राज्य कर्मचारियों का सैलाब
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा से जुड़े कर्मचारियों ने विशाल रैली निकाली। इस दौरान कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। मुख्य अतिथि सचिवालय संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी ने कहा कि सरकारें आती जाती रहेंगी मगर पुरानी पेंशन आपके साथ अंतिम समय तक रहेगी। इसी पुरानी पेंशन की बदौलत आपकी रीढ़ की हड्डी सदैव सीधी रहेगी। सरकार से इस आत्मसम्मान की मांग की जा रही है। जब राज्य में डबल इंजन की सरकार है तो दिक्कत कहां है।
रविवार को कार्मिकों ने लालबत्ती चौक से तहसील परिसर तक रैली निकालकर प्रदर्शन किया। तहसील परिसर में सभा को संबोधिक करते हुए कोटद्वार इकाई अध्यक्ष योगेश रूवाली ने कहा कि सब्र की एक सीमा होती है और अत्याचार सहने की भी एक पराकाष्ठा। नई पेंशन योजना के नाम पर जो झुनझुना सरकार ने 2005 के बाद नियुक्त हुए कार्मिकों को थमाया है उससे खेलने का वक्त जा चुका है क्योंकि इसी नई पेंशन योजना के भयावह परिणाम हम सबके सामने हैं। जिस योजना में अत्यंत अल्प पेंशन मासिक गुजारे के लिए मिल रही है उस योजना को किस आधार पर स्वीकार किया जाय। उन्होंने सरकार से शीघ्र नई पेंशन योजना को खारिज़ कर पुरानी पेंशन को बहाल करने की मांग की। कोटद्वार इकाई के संयोजक सरदार नरेश ने कहा कि पुरानी पेंशन कोई पारितोषिक नही है बल्कि वह हक है जो कर्मचारी को अपने जीवन के स्वर्ण काल को देश के विकास में समर्पित करके मिलता है। गढ़वाल मंडल अध्यक्ष जयदीप रावत ने कहा संयुक्त मोर्चे की अगुवाई में कार्मिक एकत्रित होकर लगातार सरकार को याद दिला रहे हैं कि आने वाले समय में कर्मचारी भी भाग्य लिखने की स्थिति में होंगे। उस समय निश्चित ही देखा जाएगा कि किसने किसका कितना साथ दिया है। इसलिए अभी समय है पुरानी पेंशन को बहाल कर सरकार नेक पहल करें। गढ़वाल मंडल महासचिव नरेश भट्ट ने कहा कि किसी भी महत्वपूर्ण निर्णय के लिए नीयत प्राथमिकता है। अब पुरानी पेंशन बहाली का संघर्ष सड़को पर आ पहुंचा है। अब या तो यह सदन तक जाएगा या सफलता तक।
इस मौके पर प्रांतीय महासचिव सीताराम पोखरियाल, प्रांतीय अध्यक्ष अनिल बड़ोनी, प्रांतीय उपाध्यक्ष देवेंद्र बिष्ट, प्रांतीय प्रेस सचिव डॉ. कमलेश मिश्रा, मंडलीय अध्यक्ष जयदीप रावत, मंडलीय महासचिव नरेश भट्ट, मंडलीय संयुक्त मंत्री प्रवीण जुयाल, मंडलीय प्रभारी प्रेम चन्द्र ध्यानी, जिला अध्यक्ष पौड़ी मेहरबान भंडारी, पौड़ी मंत्री भवान सिंह नेगी, जिलाध्यक्ष रुद्रप्रयाग अंकित रौथाण, उपाध्यक्ष अतुल शाह, सकलानन्द नौटियाल, कुलदीप रावत, संग्राम नेगी, योगेश घिल्डियाल, आनंद लिंगवाल, देवेंद्र रावत, बिजेंद्र बिष्ट, राकेश पोखरियाल, मुकेश बहुगुणा, पंकज ध्यानी, मनमोहन चौहान, रविंद्र पयाल, अर्जुन राणा, अव्वल सिंह रावत, प्रमिला रावत, विनोद रावत, अरविन्द गौड़, बुद्धि प्रसाद पेटवाल, सीएस असवाल प्रदेश अध्यक्ष कृषि महासंघ, बीरेंद्र गुसाईं डिप्लोमा इंजनियरिंग संघ, मुकेश ध्यानी प्रदेश अध्यक्ष कृषि मिनिस्ट्रियल कर्मचारी एसोसिएशन उत्तराखंड, अनिल प्रकाश उनियाल, शंकर पांडेय, मुकेश बहुगुणा मण्डलीय अध्यक्ष, दीपक बहुगुणा जनपदीय सचिव, एजुकेशनल मिनिस्ट्रीयल ऑफिसर्स एसोसिएशन गढ़वाल मण्डल सहित सैकड़ों कर्मचारी उपस्थित रहे।
अब अन्याय के खिलाफ आवाज बुलन्द करने की बारी
उत्तरांचल फेडरेशन ऑफ मिनिस्ट्रीयल सर्विसेज एसोसिएशन के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुभाष देवलियाल ने कहा कि लगातार अपनी बात विनम्रता से रखते रखते बरस बीत गया। अब सड़क की बारी है और अन्याय के खिलाफ आवाज बुलंद करने की बारी है। हम किसी भी हालत में इस नई पेंशन योजना को बदर्रश्त नही करेंगे। हमारे भविष्य की सुरक्षा के लिए सरकार पुरानी पेंशन को बहाल करें।
पुरानी पेंशन पर सरकार गंभीरता से विचार करें
राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष मुकेश प्रसाद बहुगुणा ने कहा कि पुरानी पेंशन की बहाली ही तय करेगी कि आगामी समय में किसका पलड़ा भारी होगा। क्योंकि यह नई पेंशन योजना है जिसके परिणाम सामने आ चुके हैं। यह सरकार का वह उत्पाद है जिसके पैकेट का रैपर तो चमकदार था परन्तु इसके अंदर मात्र हवा ही भरी है। इस उत्पाद की सारी हवा निकल चुकी है। सरकार इस पर गम्भीरता से विचार करें। जिला अध्यक्ष पौड़ी मेहरबान भण्डारी और भवान सिंह नेगी ने कहा कि हम सरकार के नुमाइंदे हैं यदि हम ही असंतुष्ट रहेंगे तो जनता का असन्तुष्ट होना स्वाभाविक है। नई पेंशन योजना को लेकर कार्मिकों में अत्यंत रोष है। इस रोष को सरकार को दूर करना होगा अन्यथा कर्मचारी भविष्य में गंभीर कदम उठा सकते हैं।
पुरानी पेंशन बहाल न होने पर गंभीर होगें परिणाम
प्रदेश महासचिव सीताराम पोखरियाल ने कहा कि रैली में हजारों की संख्या में पहुंचे कार्मिकों ने साबित कर दिया है कि इस मांग की पूरी होने की कितनी अधिक आवश्यकता है। अगर यह पुरानी पेंशन बहाल नहीं होती है तो आगे के परिणाम गंभीर होंगे और हम अपने भविष्य की सुरक्षा के लिए कुछ भी कर गुजरेंगे। देशभर में संयुक्त मोर्चे ने अपनी ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा की बदौलत लाखों लोगों का विश्वास हासिल किया है। इस विश्वास को कायम रखा जाएगा। एक मिशन पुरानी पेंशन को पूरा करने के लिए रात दिन निरन्तर प्रयत्न शील रहेंगे।