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राधा रतूड़ी बनीं उत्तराखंड की 18वीं मुख्य सचिव, पहली बार महिला आईएएस को मिली जिम्मेदारी

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देहरादून। वरिष्ठ आईएएस अधिकारी राधा रतूड़ी प्रदेश की पहली महिला मुख्य सचिव बन गई हैं। बुधवार को उन्होंने विधिवत रूप से मुख्य सचिव पद की कमान संभाल ली। 1988 बैच की रतूड़ी को पूर्व मुख्य सचिव डॉ.एसएस संधु ने कार्यभार सौंपा। इस अवसर पर दोनों नौकरशाहों ने एक-दूसरे को शुभकामनाएं दीं।
राधा रतूड़ी अपर मुख्य सचिव पद पर थीं। वह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के भरोसेमंद अफसरों में मानी जाती हैं। बुधवार को सचिव कार्मिक शैलेश बगौली ने उन्हें मुख्य सचिव बनाए जाने का आदेश जारी किया। दिन भर उनके कार्यालय में कर्मचारी, अधिकारी, नौकरशाह, कर्मचारी नेता व जनप्रतिनिधि शुभकामनाएं देने पहुंचते रहे। शाम पांच बजे उन्होंने मुख्य सचिव कार्यालय में कार्यभार ग्रहण करने की रस्म पूरी की। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनंद बद्र्धन, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, सचिव शैलेश बगोली, राधिका झा, डॉ.पंकज कुमार पांडेय, मुख्य सचिव के स्टॉफ अफसर अरविंद सिंह ह्यांकी, डॉ.पंकज पांडेय सहित कई अधिकारी मौजूद थे।
रतूड़ी के पति अनिल कुमार रतूड़ी पुलिस महानिदेशक के पद से सेवानिवृत्त हो चुके हैं। वे प्रदेश के पहले नौकरशाह दंपत्ति हैं, जिन्हें पुलिस और प्रशासन के सबसे बड़े ओहदे की कमान संभालने का अवसर मिला है। अपर मुख्य सचिव तक अपनी अभी तक की यात्रा में वह फतेहपुर (यूपी), टिहरी व देहरादून की जिलाधिकारी भी रह चुकी हैं। शासन में उन्होंने गृह, वित्त, कार्मिक, महिला सशक्तीकरण में बाल विकास सरीखे अहम विभाग देखे। अभी वह मुख्यमंत्री कार्यालय, गृह और एसएडी की जिम्मेदारी देख रही थीं।
समान नागरिक संहिता को पास कराना हमारे सामने सबसे बड़ा मुद्दा है। यूसीसी की विशेषज्ञ समिति दो फरवरी को मुख्यमंत्री को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। रिपोर्ट को प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में रखा जाएगा। उसका एक विधेयक बनेगा। यह विधेयक पांच फरवरी से आठ फरवरी तक बुलाए गए विधानसभा सत्र के दौरान पास कराना हमारे लिए सबसे अहम चुनौती होगी।

 

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