संसद: भाजपा बोली- मानसिक संतुलन खो बैठे हैं राहुल गांधी, लोकसभा में 45 और राज्यसभा में 63 फीसदी हुआ कामकाज
नई दिल्ली, एजेंसी। पीएम मोदी के संसद में भाषण के बाद राजनीति जोरों पर है। पहले राहुल गांधी ने प्रेस कांफ्रेंस पर प्रधानमंत्री पर निशाना साधा। वहीं अब संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कांग्रेस पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने कभी नहीं सोचा था कि हम मणिपुर पर चर्चा के लिए सहमत होंगे।
आगे उन्होंने कहा कि आज भी राहुल गांधी ने क्या-क्या कहा है। मुझे लगता है कि राहुल गांधी अपना मानसिक संतुलन खो बैठे हैं। उन्होंने जवाब नहीं सुना है। वह सदन में नहीं आए। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि तथाकथित सबसे पुरानी पार्टी इतना गैरजिम्मेदाराना व्यवहार कर रही है।
आगे प्रह्लाद जोशी ने कहा कि राजनीतिक कारणों से विपक्ष ने (बिलों की) चर्चा में भाग नहीं लिया, उन्होंने केवल दिल्ली सेवा विधेयक में भाग लिया… सरकार कभी नहीं चाहती थी कि कोई विधेयक बिना चर्चा के पारित हो, बेशक, हमने चर्चा के बिना पारित नहीं किया है। राज्यसभा में लगभग सभी बिलों पर चर्चा हुई।
अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस पर बड़ा हमला बोला है और कहा कि मणिपुर में कांग्रेस ने नफरत के बीज बोए, मणिपुर पहले हिंसा के लिए जाना जाता था। कांग्रेस गृहमंत्री द्वारा लाए गए शांति प्रस्ताव पर सहमत नहीं हुई। कांग्रेस शांति के बजाय जले पर नमक छिड़क रही है। राहुल गांधी ने भारत माता की मृत्यु की कामना की है। ऐसी भाषा से राहुल की मानसिकता पता चलती है।
आगे बोले कि केवल ‘टुकड़े-टुकड़े’ गैंग के समर्थक ही ‘भारत माता’ को तोड़ने, मारने की सोच सकते हैं। उन्हें मणिपुर की महिलाओं की चिंता नहीं है। वे संविधान, भारत माता की हत्या की बात करते हैं। राहुल गांधी को राजस्थान की महिलाओं की चिंता नहीं है, आप पश्चिम बंगाल, बिहार, मणिपुर की महिलाओं में अंतर करते हैं।
इस बार के मानसून सत्र में विपक्ष ने मणिपुर की घटनाओं को लेकर काफी हंगामा किया। हंगामे और नारेबाजी के कारण लोकसभा में सिर्फ 45 फीसदी ही कामकाज ही हो पाया। शुक्रवार को सदन की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। सदन को लेकर जानकारी देते हुए केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि 23 दिनों तक चले सत्र के दौरान कुल 17 बैठकें हुईं। उन्होंने कहा कि लोकसभा की उत्पादकता करीब 45 फीसदी और राज्यसभा की 63 फीसदी है।
प्रल्हाद जोशी बताया कि 20 बिल लोकसभा में पारित हुए, पांच बिल राज्यसभा में पेश किए गए। विपक्ष चर्चा में शामिल नहीं हुआ। दिल्ली सेवा बिल को छोड़कर विपक्ष ने किसी भी चर्चा में भाग नहीं लिया। वे भी इसलिए कि उन्हें उस मुद्दे पर अपनी एकता साबित करनी थी। राज्यसभा में 55 बिल लाए गए। सरकार कभी नहीं चाहती कि बिना चर्चा के बिल पास हो हालांकि हमें करना पड़ा। राज्यसभा में लगभग सभी विधेयकों पर चर्चा हुई।
आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा को धोखाधड़ी की शिकायतों के बाद विशेषाधिकार के उल्लंघन के लिए शुक्रवार को राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया। उनका निलंबन सदन के नेता पीयूष गोयल द्वारा पेश किए गए एक प्रस्ताव के बाद हुआ। मणिपुर की स्थिति पर चर्चा और सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की मांग को लेकर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण दोपहर के भोजन से पहले के सत्र में उच्च सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित की गई।