राहुलश्वेरानंद गिरी बने निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर
हरिद्वार। पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के पंच परमेश्वर और 13 अखाड़ों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में राहुलेश्वरानंद गिरी का महामंडलेश्वर पद पर पट्टाभिषेक हुआ। बुधवार को निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी, अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी, अखाड़े के मेला प्रभारी श्रीमहंत रविंद्रपुरी ने तिलक चादर भेंटकर राहुलेश्वरानंद गिरी का महामंडलेश्वर पद पर अभिषेक कर नियुक्त किया। बुधवार को चरण पादुका मंदिर के सामने पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी की छावनी स्थित महामंडलेश्वर पट्टाभिषेक समारोह का आयोजन किया गया। विधि विधान एवं अखाड़े की परंपराओं का निर्वहन करते हुए राहलेश्वरानंद गिरी का पट्टाभिषेक कर सभी संतों ने उन्हें बधाई दी। निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी ने कहा कि महापुरुषों ने महामंडलेश्वर का पट्टाभिषेक कर अभय प्रदान किया है। उन्होंने कहा कि राहलेश्वरानंद गिरी बहुत भाग्यशाली हैं, वे कुंभ के पावन पर्व और महाशिवरात्रि की बेला पर महामंडलेश्वर पद पर आसीन हुए। कुंभ में महामंडलेश्वर पद पर आसीन होना बड़े गौरव की बात है।
अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी ने कहा कि भारतीय संस्कृति एवं सनातन धर्म का समाजोत्थान में योगदान देने के साथ अखाड़े की परंपरा को आगे बढ़ाने का काम राहलेश्वरानंद गिरी करेंगे। पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के कुंभ मेला प्रभारी श्रीमहंत रविद्रपुरी ने कहा कि संतों का जीवन समाज को नई दिशा प्रदान कर समरसता का भाव जागृत करना होता है। महामंडलेश्वर राहुलेश्वरानंद गिरी युवा संतों के प्रेरणा स्रोत बनेंगे। अपनी जिम्मेदारी का पूरी निष्ठा के साथ निर्वहन करेंगे।
इस अवसर पर महामंडलेश्वर माता संतोषी, महामंडलेश्वर ललितानंद गिरी, श्रीमहंत लखन गिरी, श्रीमहंत केशवपुरी, श्रीमहंत मनीष भारती, श्रीमहंत राधे गिरी, श्रीमहंत नरेश गिरी, श्रीमहंत दिनेश गिरी, श्रीमहंत ओमकार गिरी, महंत राजगिरी, आदित्यनंद गिरी, राजेन्द्र भारती, गंगा गिरी, महंत सुखदेव पुरी, महंत शिववन, महंत रविपुरी आदि शामिल रहे।