कोटद्वार-पौड़ी

कोटद्वार से दिल्ली के लिए जल्द शुरू हो सकती है रेल सेवा

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-उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक ने किया कोटद्वार रेलवे स्टेशन का निरीक्षण
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल ने मंगलवार को कोटद्वार रेलवे स्टेशन का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने कोटद्वार से दिल्ली के लिए रेल सेवा चलाने पर गंभीरता से विचार करने पर जोर दिया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कोटद्वार से दिल्ली के लिए रेल सेवा चलाने को लेकर विकल्पों पर विचार किया जाए और उन्हें अमली जामा पहनाया जाए।
बता दें कि कोटद्वार रेलवे स्टेशन से कई सेवाएं बंद होने के बाद लोगों को सीधे दिल्ली के लिए रेल सेवा उपलब्ध नहीं हो पा रही है। जिससे लोगों में आक्रोश भी बढ़ रहा है। आमजन की इसी समस्या को गंभीरता से लेते हुए उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल ने मंगलवार को अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए। कहा कि जल्द से जल्द कोई ऐसी योजना बनाई जाए, जिससे कोटद्वार समेत गढ़वाल के लोगों को सीधे दिल्ली रेल सेवा का लाभ मिल सके।

कोटद्वार से रेल की स्पीड बढ़ाने की चल रही तैयारी
उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल ने बताया कि गजरोला से चांदपुर तक रेल की स्पीड 100 किमी प्रतिघंटा कर दी गई है। जबकि कोटद्वार से गजरोला तक अब भी रेल की स्पीड 50 किमी प्रतिघंटा है। इसे बढ़ाने को लेकर तैयारी चल रही है। उम्मीद है जल्द ही कोटद्वार से गजरोला तक भी रेल की स्पीड 100 किमी प्रतिघंटा हो जाएगी। उन्होंने कहा कि ऐसा होता है तो रेल सेवा की टाइमिंग में काफी सुधार आएगा और लोगों को इसका काफी लाभ मिलेगा। इससे पहले वह रेल सेवा में 20 मिनट की बचत को लेकर भी कार्रवाई कर रहे हैं।

रेल सेवाओं को बेहतर बनाने में जुटा उत्तर रेलवे : महाप्रबंधक
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार/नई दिल्ली : उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल ने मंगलवार को उत्तर रेलवे के विभागाध्यक्षों के साथ प्रधान कार्यालय, बड़ौदा हाउस, नई दिल्ली में व मंडल रेल प्रबंधकों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से उत्तर रेलवे की कार्य प्रगति की समीक्षा की। महाप्रबंधक ने कहा कि संरक्षा को प्राथमिकता देते हुए रेल पथों का अनुरक्षण, चलस्टॉक, सिग्नल और ओवरहैड बिजली की तारों से जुडे़ कार्य वरीयता के आधार पर निपटाए जा रहे हैं।
महाप्रबंधक गंगल ने बताया कि उत्तर रेलवे ने गत 16 जून 22 जून 2022 तक 1095 रेलगाड़ियां चलाई हैं। मंडल रेल प्रबंधकों के साथ चर्चा के दौरान उन्होंने मडलों को मालभाड़ा संचलन में अधिकतम आउटपुट हासिल करने के निर्देश दिए। उन्होंने लोकोमोटिवों की उपलब्धता और उनके समयबद्ध अनुरक्षण पर भी बल दिया। उन्होंने विभागों से रेल कर्मचारियों के लिए नियमित रूप से प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने की सलाह दी। ताकि उन्हें जागरूक बनाए रखा जा सके और रेल प्रणाली में मानवीय त्रुटियों को कम किया जा सके। महाप्रबंधक ने रेल पटरियों में आने वाली दरारों पर चिंता प्रकट की और सिग्नलों, रेल दरारों और रेल वेल्डों की व्यापक रूप से निगरानी के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि जहां भी आवश्यक है, वहां पेड़ों की छँटाई के लिए वन विभाग से अनुमोदन लेने की प्रक्रिया को तेज किया जाए। उन्होंने रेलपथों पर विद्युत संरक्षा के साथ-साथ रेलगाड़ियों के निर्बाध परिचालन के लिए रिले और पैनल रूमों की संरक्षा पर भी ध्यान केन्द्रित करने के निर्देश दिए।

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