रेलवे का मालिकाना हक का दावा पूरी तरह से गलत
हल्द्वानी। हल्द्वानी और लालकुआं के बीच रेलवे की भूमि पर अतिक्रमण के दावे पर क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन ने सवाल खड़े कर दिए हैं। संगठन ने आरटीआई के माध्यम से यह खुलासा किया है कि जिस भूमि पर रेलवे मालिकाना हक बताकर विस्थापन की कार्रवाई करना चाह रहा है, उस भूमि के दस्तावेज उसके पास नहीं हैं। बुधवार को सरस मार्केट स्थित एक रेस्टोरेंट में प्रेसवार्ता करते हुए क्रांलोस के अध्यक्ष पीपी आर्या ने बताया कि संगठन के सदस्य टीआर पांडे और नसीम टेलर ने सूचना के अधिकार के तहत 25 सितंबर 2017 को रेलवे से तीन बिंदुओं पर सूचना मांगी थी। इसमें हल्द्वानी रेलवे स्टेशन से लालकुआं की ओर जाने वाली रेलवे लाइन के दोनों ओर, हल्द्वानी स्टेशन से इंदिरानगर कॉलोनी तक रेलवे की हस्तांतरित भूमि की माप व क्षेत्रफल का ब्योरा, कब हस्तांतरित या फिर अधिग्रहित की गई इसकी सत्यापित प्रतिलिपि और किन परियोजनाओं के लिए इस भूमि को लिया गया था, इसकी जानकारी मांगी। इसमें रेलवे के वरिष्ठ मंडल सामाग्री प्रबंधक द्वारा 10 नवंबर को दी गई जानकारी में बताया गया है कि भूमि प्लान के अलावा भू-स्वामित्व के दस्तावेज नहीं हैं। पीपी आर्या ने कहा कि रेलवे स्टेशन के पास ढोलक बस्ती, गफूर बस्ती, इंदिरा नगर, वनभूलपुरा के एक भाग की भूमि जिसे पूर्वोत्तर रलवे अपनी भूमि बताकर अवैध कब्जा कह रहा है और विस्थापन की कार्रवाई पर उतारू है, वह तथ्यात्मक रूप से पूरी तरह से गलत है। प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान नसीम टेलर, मोहन मटियाली और टीआर पांडे मौजूद रहे।