राजस्थान की तर्ज पर उत्तराखण्ड में इलेक्ट्रोहोम्योपैथी को मिलेगी मान्यता
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। उत्तराखण्ड इलेक्ट्रोहोम्योपैथी मेडिकल एसोसिएशन के तत्वाधान में इलेक्ट्रोहोम्योपैथी के जनक डॉ. काउण्ट सीजर मेटी का 212वां जन्मदिवस धूमधाम से मनाया गया। मुख्य अतिथि लैंसडौन विधायक महंत दिलीप रावत ने कहा कि यह चिकित्सा प्रणाली भारत में तेजी से विकसित हो रही है। लोग इस पद्धति को अपनाने में रूचि दिखा रहे है। क्योंकि यह पद्धति शुद्ध चिकित्सा प्राकिृतिक चिकित्सा पद्धति है। अब सरकार को भी इस ओर ध्यान देने की जरूरत है। राजस्थान की तर्ज पर उत्तराखण्ड में इलेक्ट्रोहोम्योपैथी को मान्यता दिलाई जाएगी।
सोमवार को बालासौड़ स्थित एक वेडिंग प्वांइट में कार्यक्रम का शुभारंभ लैंसडौन विधायक महंत दिलीप रावत ने दीप प्रज्जवलित कर किया। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रोहोम्योपैथी को उत्तराखण्ड में राजस्थान की तर्ज पर मान्यता दिलाने हेतु प्रयास करेगें। इसी सत्र में इस मुद्दे को विधानसभा में उठायेगें। डॉ. आरएस नेगी ने बताया कि इलेक्ट्रोहोम्योपैथी शुद्ध हर्बल चिकित्सा पद्धति है। इसमें पेड़-पौधों के मूल अर्क से दवाई बनाई जाती है। जिसका रोगी पर कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है। यह शुलभ और स्वतंत्र चिकित्सा प्रणाली है। इससे असाध्या एवं गंभीर रोगों का निदान आसानी से किया जा सकता है। इस चिकित्सा प्रणाली से अब तक कैंसर, किडनी, लीवर, गॉल स्टोन आदि गंभीर रोगों का उपचार आसानी से किया जाता है। जिसमें रोगी का रोग समूल नष्ट हो जाता है। डॉ. आरएस नेगी की अध्यक्षता में कार्यक्रम का संचालन डॉ. वंदना ने किया। कार्यक्रम में डीसीडीएफ अध्यक्ष रविन्द्र नेगी, रविन्द्र वेलवाल, डॉ. वंदना, इलेक्ट्रोहोम्योपैथी के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष डॉ. आरपी सिंह, प्रदेश अध्यक्ष उत्तराखण्ड डॉ. वीपी चमोली, देहरादून जिलाध्यक्ष डॉ. दीपक तिवारी, मंडल अध्यक्ष डॉ. सीएम नैथानी, डॉ. त्रषिपाल सिंह, डॉ. बीएस रावत, डॉ. डीएस रावत, डॉ. एके चौहान सहित उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड के सैकड़ों चिकित्सक मौजूद थे।