राजनाथ सिंह ने विपक्ष के वरिष्ठ नेताओं से की फोन पर बात, संसद में गतिरोध खत्म करने की अपील की
नई दिल्ली, एजेंसी। केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने मणिपुर की स्थिति से संबंधित अपनी मांगों को लेकर संसद की कार्यवाही बाधित करने के संबंध में विपक्ष के वरिष्ठ नेताओं के साथ टेलीफोन पर बातचीत की और उनसे संसद का सुचारू संचालन सुनिश्चित करने का आग्रह किया। भाजपा सूत्रों ने बताया कि राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे और तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंदोपाध्याय उन नेताओं में शामिल हैं जिनसे सरकार ने संसद में गतिरोध खत्म करने के लिए संपर्क किया है।
उन्होंने कहा कि संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी और राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल संसद के सुचारू संचालन के लिए विपक्षी नेताओं से संपर्क कर रहे हैं। अपनी मांगों को लेकर विपक्ष के विरोध प्रदर्शन जारी रहने के बीच लोकसभा में सदन के उपनेता राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा कि सरकार संसद में चर्चा के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा, ‘हम संसद में चर्चा के लिए तैयार हैं। मणिपुर की घटना निश्चित रूप से एक बहुत ही गंभीर मामला है और स्थिति की गंभीरता को महसूस करते हुए प्रधानमंत्री ने खुद कहा है कि राज्य में जो हुआ (बुधवार को वायरल वीडियो में कथित तौर पर दो महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाते हुए दिखाया गया है) ने पूरे देश को शर्मिंदा किया है।’
रक्षा मंत्री ने पिछले सप्ताह भी मणिपुर की स्थिति पर चर्चा के लिए सरकार की इच्छा के बारे में सदन में बात की थी। विपक्षी दल मणिपुर की स्थिति पर संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की मांग कर रहे हैं और इसके बाद अन्य सभी सूचीबद्ध कार्यों को स्थगित करके विस्तृत चर्चा की मांग कर रहे हैं। कई विपक्षी सांसदों ने सोमवार को मणिपुर मुद्दे पर चर्चा के लिए स्थगन नोटिस दिया।
मणिपुर में हिंसा मुद्दे पर विपक्ष के हंगामे के कारण लगातार तीसरे दिन राज्यसभा की कार्यवाही बाधित रहने के बीच सभापति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को सदन में सभी दलों के नेताओं की बैठक बुलाई। उन्होंने सुचारू कार्यवाही के लिए उनसे सहयोग की अपील की। इस बैठक में कांग्रेस के जयराम रमेश, भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के के. केशव राव, बीजू जनता दल (बीजद) के सस्मित पात्रा, आम आदमी पार्टी (आप) के राघव चड्ढा, सदन के नेता पीयूष गोयल और संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी सहित कई नेता शामिल हुए।
संसद की कार्यवाही लगातार बाधित
विपक्ष की मांगों को लेकर 20 जुलाई को संसद का मानसून सत्र शुरू होने के बाद से संसद की कार्यवाही लगातार बाधित हो रही है। सोमवार को विपक्षी नेताओं ने अपनी मांगों को लेकर लोकसभा में नारेबाजी की और तख्तियां दिखाईं। उन्होंने राज्यसभा में भी अपनी मांगों को उठाने की मांग की। 11 अगस्त को समाप्त होने वाले संसद के मानसून सत्र के लिए सरकार के पास एक भारी विधायी एजेंडा है।