राष्ट्रीय राजमार्ग के डेंजर जोन राहगीरों के लिए खतरा बने
गोपेश्वर। ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग के डेंजर जोन राहगीरों के लिए खतरा बने हुए हैं। हाईवे पर चौड़ीकरण के दौरान जगह-जगह मिट्टी के ढेर और खोदी गई पहाड़ियों के चलते हाईवे पर आवाजाही सुरक्षित नहीं है। चमोली जिले में गौचर से लेकर पांडुकेश्वर तक 50 से अधिक ऐसे स्थान हैं जहां पर डेंजर जोन होने के कारण दुर्घटना की आशंका बनी हुई है। हालांकि अब केंद्र सरकार की ओर से धनराशि जारी करने की पहल के बाद डेंजर जोनों के खत्म होने की उम्मीद जगी है।
चमोली जिले में गौचर से लेकर पांडुकेश्वर-हनुमानचट्टी तक ऑलवेदर परियोजना के तहत चौड़ीकरण का कार्य किया जा रहा है। इस कार्य के दौरान निर्माण एजेंसी द्वारा सड़क के किनारे व कहीं-कहीं सड़क पर भी मिट्टी-पत्थरों के बड़े ढेर एकत्रित किए गए हैं। दिन में तो वाहन किसी तरह सड़क पर संचालित हो रहे हैं। परंतु सायं व रात्रि को हाईवे पर चलने वाले वाहनों के लिए ये मिटटी-बोल्डरों के ढेर दुर्घटना का कारण बने हुए हैं। इसके अलावा हाईवे चौड़ीकरण के दौरान पहाड़ियों को भी जगह-जगह काटे जाने से खतरा बना हुआ है। बदरीनाथ हाईवे पर पीपलकोटी के पास भनीरपानी में हाईवे चौड़ीकरण के कार्य के चलते तीन से अधिक दुर्घटनाएं घट चुकी हैं। इसमें जनहानि भी हुई है। हालांकि यहां पर दुर्घटनाओं के बाद निर्माण एजेंसी एनएचआइडीसीएल ने क्रैश बैरियर लगाकर अपने क?र्त्तव्यों की इतिश्री कर दी है। अन्य स्थानों पर सुरक्षा के कोई उपाय नहीं किए गए हैं।
एनएचआइडीसीएल के अधिशासी अभियंता संदीप कार्की ने बताया कि जल्द ही डेंजर जोनों को खत्म करने पर कार्य शुरू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से जल्द ही इसके लिए धनराशि जारी करने की बात कही गई है।