उत्तराखंड

क्रांतिकारी भगत सिंह, सुखदेव व राजगुरु को किया याद

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अल्मोड़ा। उत्तराखंड लोक वाहिनी की ओर से देश की आजादी के लिए अपने प्राणों का बलिदान देने वाले क्रांतिकारी भगत सिंह, सुखदेव व राजगुरु के शहादत दिवस पर गोष्ठी आयोजित की गई। जिसमें उन्हें श्रद्घासुमन अर्पित कर उनके विचारों को आत्मसात करने का आह्वान किया गया। इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि सरदार भगत सिंह ने देश की आजादी के लिए अपनी शहादत दी, उनका सपना था कि भारत में हर गरीब और अमीर के बीच की खाई समाप्त हो सके। लेकिन आज आजादी के 70 सालों में यह खाई और मजबूत हो गई है। देश में लोकतांत्रिक मूल्यों का विकास होने के बजाय ह््रास हो रहा है। वहीं वक्ताओं ने कहा कि उत्तराखंड राज्य आंदोलन के दौरान राजधानी राज्य के मध्य के शहर में स्थापित करने की थी, किंतु राज्य बने हुए 23 वर्ष हो गए हैं ,अभी तक भी आंदोलनकारी ताकते उत्तराखंड राज्य की स्थाई राजधानी गैरसैण घोषित करने के लिए आंदोलन कर रहे हैं। आज भू -कानूनों पर सरकार मौन है। अध्यक्षता वाहिनी के वरिष्ठ नेता जगत सिंह रौतेला और संचालन दयाष्ण कांडपाल ने किया। यहां वाहिनी के उपाध्यक्ष जंगबहादुर थापा, अजय मित्र बिष्ट, कुणाल तिवारी, रेवती बिष्ट, माधुरी मेहता, विशन दत्त जोशी, अजय सिंह मेहता, पूरन चंद्र तिवारी, अन्नीसुद्दीन, अनिल सिंह आदि मौजूद रहे।

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