जन्मोत्सव पर बिस्मिल के बलिदान को किया याद
कण्वाश्रम में आयोजित किया गया श्रद्धांजलि कार्यक्रम
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार: केन्द्रीय आर्य युवक परिषद् की ओर से स्वतंत्रता सेनानी अमर शहीद पं. रामप्रसाद बिस्मिल के 125वें जन्मोत्सव पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस दौरान सदस्यों ने बिस्मिल के बलिदान को याद करते हुए सदैव उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।
शनिवार को कण्वाश्रम में श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि पं० रामप्रसाद बिस्मिल क्रांतिकारियों के सिरमौर रहे, उनसे प्रेरणा पाकर अनेकों नोजवान स्वतंत्रता-आंदोलन में कूद पड़े।अशफाक उल्ला ख़ां और बिस्मिल की दोस्ती जगजाहिर थी एक कट्टर आर्य समाजी और एक कट्टर मुस्लिम,लेकिन राष्ट्र की बलिवेदी पर दोनों इकठ्ठे फांसी पर झूल गए इससे बड़ा सामाजिक समरसता का कोई ओर उदाहरण नहीं हो सकता। आचार्य महेन्द्र ने कहा कि बिस्मिल की जीवनी पढ़ कर रोंगटे खड़े हो जाते है,वास्तव मे उनके जीवन चरित्र को पाठ्यक्रम में पढ़ाने की आवश्यकता ह,ै जिससे नयी पीढ़ी उनके बलिदान से परिचित हो सके। प्रान्तीय महामंत्री प्रवीण आर्य ने कहा कि बिस्मिल के जीवन का कण-कण राष्ट्र के लिए समर्पित था,उनका जीवन युवाओं के लिए सदैव प्रकाश पुंज का कार्य करेगा। इस मौके पर गायक प.रुबेल सिंह आर्य, रमेश चंद्र, प्रवीन आर्या, रामकुमार आदि मौजूद रहे।