भारत-चीन सीमा को जोड़ने वाला वैली ब्रिज नहीं बनने से परेशान हैं क्षेत्रवासी

Spread the love

 

चमोली। भारत-चीन सीमा क्षेत्र को जोड़ने वाला एकमात्र जोशीमठ-मलारी-नीती हाईवे पर बुरांस के पास टूटा वैली ब्रिज नहीं बनने से क्षेत्रवासियों को तमाम तरह की परेशानियां हो रही है। सीमांत क्षेत्र के आधा दर्जन से अधिक गांव के लोग आवाजाही नहीं कर पा रहे हैं। हालांकि बीआरओ के द्वारा गिर्थी नदी में आजावाही के लिए अस्थाई व्यवस्था की गई थी। लेकिन नदी का जल स्तर बढ़ने के बाद से आवाजाही बंद पड़ी हुई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के सीमा क्षेत्र के गांवों में विकास की योजनाओं के लिए बाइड्रेंट विलेज ( जीवन्त गांवों ) को सूची बद्घ किया है। इन बाइड्रेंट गांवों में मलारी भी है। जहां तक पहुंचने वाला गिर्थी पुल टूटा पड़ा हुआ है। स्थानीय लोगों ने बताया कि पिछले माह 16 अप्रैल को गिर्थी वैली ब्रिज टूटा था। जिसके बाद से नीती, गमशाली, मेहरगांव, बाम्पा, कैलाशपुर, गुरगटी सहित अन्य गांवो का संपर्क टूट गया था। इसके बाद से लोग स्थाई पूल बनाने की मांग कर रहे हैं। ताकि सही तरीके से आवाजाही शुरू हो सके। ग्राम प्रधान कागा गरपक और प्रधान संगठन के महामंत्री पुष्कर सिंह राणा ने कहा कि ग्रामीणों ने इस सम्बन्ध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखकर क्षतिग्रस्त पुल का सुधारी करणकरते हुए शीघ्र सुचारू करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि क्षेत्रवासी 45 दिनों से परेशान हैं।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *