रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान देश के अगले सीडीएस नियुक्त, बिपित रावत के निधन के बाद से खाली पड़ी थी पोस्ट
नई दिल्ली, एजेंसी। केंद्र सरकार ने लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान (सेवानिवृत्त) को अगले चीफ अफ डिदेंस स्टाफ (सीडीएस) के रूप में नियुक्त किया है। लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान सैन्य मामलों के विभाग के सचिव के रूप में भी कार्य करेंगे। एक रक्षा अधिकारी ने बताया कि लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान के पूर्वी कमान के जनरल अफिसर कमांडिंग इन चीफ रहने के दौरान पूर्वोत्तर क्षेत्र में उग्रवाद में बड़ी कमी आई जिसके फलस्वरूप कई पूर्वोत्तर राज्यों में सेना की तैनाती में भी कमी आई।
लेफ्टिनेंट जनरल चौहान 1981 से 2021 तक सेना में महत्घ्वपूर्ण पदों पर रहे। वह 40 साल की शानदार सेवा के बाद सेना की पूर्वी कमान के प्रमुख (जनरल अफिसर कमांडिंग इन चीफ) के पद से 31 मई 2021 को सेवानिवृत हुए थे। लेफ्टिनेंट जनरल चौहान के पूर्वी कमान के जनरल अफिसर कमांडिंग इन चीफ रहने के दौरान पूर्वोत्तर क्षेत्र में उग्रवाद में बड़ी कमी आई थी। पूर्वी कमान ने उनके नेतृत्व में भारत-चीन सीमा पर राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने में अपना साहस दिखाया। लेफ्टिनेंट जनरल चौहान मूल रूप से उत्तराखंड के रहने वाले हैं।
लेफ्टिनेंट जनरल चौहान को उत्तम युद्घ सेवा मेडल, परम विशिष्ट सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल, सेना मेडल, विशिष्ट सेवा मेडल से सम्घ्मानित किया जा चुका है। जनरल बिपिन रावत के निधन के बाद से यह पद खाली था। जलरल विपिन रावत का निधन तमिलनाडु के कुन्नूर में 1 दिसंबर 2021 को एक हेलिकप्टर क्रैश में हो गया था। जनरल रावत देश के पहले चीफ अफ डिदेंस स्टाफ थे। इस हेलिकाप्टर हादसे में जनरल बिपिन रावत की पत्नी मधुलिका रावत समेत सेना के 14 कर्मियों की मौत हो गई थी।
पूर्वी कमान की जिम्मेदारी संभालने से पहले लेफ्टिनेंट जनरल चौहान नई दिल्ली में सैन्य अभियान के महानिदेशक (डीजीएमओ) के तौर पर नियुक्घ्त रहे। बतौर डीजीएमओ उन्होंने ‘अपरेशन सनराइज’ में मुख्घ्य रणनीतिकार की भूमिका निभाई थी। इस अपरेशन में भारतीय सेना ने म्घ्यांमार की फौज के साथ मिलकर सीमाओं के पास उग्रवादियों के खिलाफ उक्त अपरेशन चलाया था। सेना के टप कमांडरों में शुमार लेफ्टिनेंट जनरल चौहान पाकिस्तान के खिलाफ बालाकोट में अंजाम दी गई सर्जिकल स्ट्राइक की योजना से भी जुड़े थे।