आतंकवाद पर भारत ने पाकिस्तान को घेरा, कहा-ऐसे देश से मानवाधिकारों पर सबक लेने की जरूरत नहीं
जेनेवा, एजेंसी। अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचार के लिए पाकिस्तान की आलोचना करते हुए भारत ने कहा कि दुनिया को ऐसे देश से लोकतंत्र और मानवाधिकारों पर सबक लेने की जरूरत नहीं है, जिसका आतंकवाद के वैश्वीकरण में अद्वितीय योगदान है। जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) के 51 वें सत्र में सामान्य बहस में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन की प्रथम सचिव सीमा पुजारी ने कहा, यह विडंबना है कि पाकिस्तान, जिसकी नींव सांप्रदायिक विचारधाराओं पर रखी गई थी वह सांप्रदायिक और धार्मिक असहिष्णुता की बात करती है।
सीमा पुजारी ने कहा, दुनिया को ऐसे देश से लोकतंत्र और मानवाधिकारों पर सबक लेने की जरूरत नहीं है, जिसका आतंकवाद के वैश्वीकरण में योगदान अद्वितीय है। पाकिस्तान द्वारा दिए गए बयान के जवाब में भारतीय राजनयिक ने कहा कि यह शुद्घतावाद के जुनून में पाकिस्तान ने शिया, अहमदिया, इस्माइली और हजारा सहित अपने खुद के अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न किया है। रोजाना सांप्रदायिक हिंसा और भेदभाव होता है।
उन्होंने कहा, हिंदू सिखों और ईसाइयों के अपहरण, जबरन धर्मांतरण और जबरन विवाह पाकिस्तान की धार्मिक असहिष्णुता और घृणा की फलती-फूलती नीति के उदाहरण हैं। जबरन गायब होना, राज्य की हिंसा और जबरन सामूहिक विस्थापन, उत्पीड़न, न्यायिक हत्याएं, सेना का बलूचिस्तान, सिंध और खैबर पख्तूनख्वा में अपरेशन, यातना, हत्या और डंप र्केप, डिटेंशन सेंटर, सैन्य शिविर बड़े पैमाने पर जारी हैं। उन्होंने हजारों बलूच और पश्तूनों के अपहरण के लिए पाकिस्तान की निंदा की और कहा कि कोई भी लापता हजारों बलूच और पश्तूनों के भाग्य को नहीं जानता।
सीमा पुजारी ने कहा कि पाकिस्तान आतंक की फैक्टरी को खत्म करने की वैश्विक मांग को पूरा करने में लगातार विफल रहा है। उन्होंने कहा कि आतंकवादी संगठनों को पोषित करने के के बाद अब वह खुद इसका शिकार है और उसकी वजह से इस क्षेत्र के देशों को पाकिस्तान के आतंकवाद के समर्थन के कारण खतरे का सामना करना पड़ता है। आतंकवाद के एक केंद्र के रूप में पाकिस्तान इस क्षेत्र और कई अन्य देशों की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करता है। आतंकवादी पाकिस्तान में पनपते हैं और अपनी सड़कों पर बेखौफ घूमते हैं।
उसने कहा, हम एक पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल से कुछ बेहतर की उम्मीद नहीं करते हैं जो असुरक्षा की गहरी भावना रखता है और भारत, हमारी धर्मनिरपेक्ष साख और हमारे मूल्यों से नफरत करता है। यह पाकिस्तान को जवाबदेह ठहराने का समय है और उन्हें दुष्प्रचार फैलाने के लिए संयुक्त राष्ट्र के मंचों का दुरुपयोग नहीं करने देना चाहिए।