उत्तराखंड

लंपी वायरस की रोकथाम के लिए होगा रिंग वैक्सिनेशन

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पिथौरागढ़। लंपी वायरस की रोकथाम के लिए रिंग वैक्सिनेशन किया जाएगा। जिस क्षेत्र में लंपी वायरस के लक्षण मिले हैं उसके 5 किमी इलाके में सघन वैक्सिनेशन किया जाएगा। जिले में अभी तक लंपी वायरस की चपेट में आने से 15 पशुओं की मौत भी हो चुकी है। लंपी वायरस की रोकथाम के लिए पशुपालन मंत्रालय के संयुक्त आयुक्त ड़विजय तेवतिया व प्रधान वैज्ञानिक आईसीएआर बंगलौर के ड़मंजूनाथ रेड्घ्डी ने अधिकारियों व चिकित्सकों के साथ बैठक की। जिस इलाके में लंपी वायरस के लक्षण तेज बुखार, दूध उत्पादन में कमी, त्वचा की गांठ,भूख न लगना, नाक से पानी निकलना,पैर में सूजन आना हैं। उस क्षेत्र में 5 किमी के दायरे में वैक्सिनेशन किया जाएगा। नेपाल सीमा से लगे 5 किमी के इलाके में पहले पशुओं का वैक्सिनेशन होगा। डिप्टी सीवीओ ड़पंकज जोशी ने बताया कि वर्तमान में 2399 पशुओं में लंपी वायरस की पुष्टि हुई है। जिसमें से 1 हजार 910 पशु स्वस्थ हो चुके हैं और अभी 474 पशु अभी लंपी वायरस से ग्रसित हैं जिन्हें टीकाकरण की कार्रवाई की जा रही है। बताया कि अभी तक जनपद में 15 पशुओं की लंपी वायरस के चपेट में आने से मौत हो चुकी है।
लंपी वायरस की रोकथाम के लिए नेपाल सीमा से लगे 5 किमी के दायरे में शामिल गांव में पहले वैक्सिनेशन किया जाएगा। मुनस्यारी के इलाकों में सैंपलिंग व पशुपालकों से वार्ता के लिए टीम भी भेज दी गई है। 15 हजार वैक्सीन मिल चुकी हैं अभी विभाग के पास टीकाकरण के लिए 25 हजार से अधिक डोज उपलब्ध हैं। -ड़पंकज जोशी, डिप्टी सीवीओ पिथौरागढ़

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