ऋषिगंगा स्ट्रीम पर बनी झील को लेकर पुलिस अलर्ट

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देहरादून। चमोली में ऋषिगंगा के अपर स्ट्रीम में बनी झील को लेकर उत्तराखण्ड पुलिस भी अलर्ट मोड में आ गई है। यहां बन रही झील से वैसे तो खतरा नहीं होने की बता वैज्ञानिकों और एसडीआरएफ द्वारा की जा रही है लेकिन फिर भी एहतियातन पुलिस ने अलर्ट पर है। आपदा से सबक ले कर पुलिस प्रशासन अब किसी भी तरह का रिस्क लेने के मूड में नहीं हैं। उधर तपोवन टनल में राहत एवं बचाव कार्य जारी है। वहीं एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन आपदा से प्रभावित क्षेत्रों में राशन पहुंचाने के कार्य में जुटा हुआ है। उल्लेखनीय है कि ऋषिगंगा कैचमेंट एरिया से निकली तबाही के बाद राहत एवं बचाव कार्य में जुटी टीम तब सकते में आ गई जब यह पता चला कि ऋषिगंगा नदी पर एक और झील बन रही है। इसके बाद से इस झील से होने वाली तबाही के बारे में सोच कर ही स्थानीय लोगों में दहशत हो गई थी लेकिन एसडीआरएफ द्वारा ऋषिगंगा पर बनी झील की धरातलीय रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद सभी ने राहत की सांस ली है। इस रिपोर्ट के अनुसार ऋषिगंगा में बनी नई झील से पानी का रिसाव शुरू हो चुका है और इससे अब कोई खतरा नहीं है। इस खबर की पुष्टि के बाद राहत एवं बचाव कार्य में जुटी मशीनरी ने राहत की सांस ली है कि वहीं स्थानीय लोगों भी डर से बाहर आ गये हैं। इसके बावजूद पुलिस महकमे ने इस बार किसी भी तरह का रिस्क लेने की बजाय अभी से खतरे से निपटने के लिए तैयारियों पर जोर देना शुरू कर दिया है। डीजीपी अशोक कुमार के अनुसार पेंग गाँव, रैणी और तपोवन में अलार्मिंग सिस्टम लगाया जाएगा। सिस्टम लगने तक एसडीआरफ की टीम झील की निगरानी करेगी। झील के पास ही एसडीआरएफ द्वारा अस्थाई हेलिपैड का निर्माण भी किया जायेगा। विदित हो कि एसडीआरएफ के 8 सदस्यों की टीम शुक्रवार को झील की रेकी के लिए गई थी। उधर जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने आपदा प्रभावित साइड तपोवन व रैणी में चल रहे राहत एवं बचाव कार्यों का निरीक्षण करते हुए कार्यों तेजी लाने के निर्देश दिए।

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