सामूहिक गेहूं की खेती का कृषि विभाग की टीम ने किया निरीक्षण
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। नगर निगम के वार्ड नंबर 37 पश्चिमी झंडीचौड़ में कृषि विभाग की टीम ने गेहूं की खेती का निरीक्षण किया। छ: किसान सामूहिक रूप से डेढ़ सौ बीघा खेत में गेहूं की खेती कर रहे है। किसानों का कहना है कि खेत जंगल से सटे होने के कारण जंगली जानवर खेती को नुकसान पहुंचाते रहते है, कई बार जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों से जंगली जानवरों से खेती की सुरक्षा के लिए दीवार बनाने की मांग कर रहे है, लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जिससे किसानों में रोष पनप रहा है।
पार्षद सुखपाल शाह ने बताया कि डेढ़ सौ बीघा खेत में राष्ट्रीय कृषि विभाग योजना के अंतर्गत 6 किसान सामूहिक खेती कर रहे है। किसानों को कृषि विभाग द्वारा नि:शुल्क गेहूं की बीज, खाद, उर्वरक, दवाई नि:शुल्क दी गई। राष्ट्रीय कृषि योजना के अंतर्गत ऐसी सामूहिक खेती पर जोर दिया जा रहा है, जिससे किसानों को खेती करने में कोई दिक्कत न हो। फार्म मशीनरी बैंक के माध्यम से सूर्य किसान समूह को 80 प्रतिशत छूट पर 10 लाख रूपये का कृषि यंत्र पूर्व में दिया गया था। जिससे समूह से जुड़े किसानों को बहुत फायदा हुआ। उस खेत के गेहूं को कृषि विभाग द्वारा बीज के लिए खरीदा जायेगा। सरकारी मूल्य से 2 रूपये अधिक प्रति किलों किसानों से कृषि विभाग गेहूं का बीज खरीदेगा। इससे किसानों को फायदा भी होगा। पार्षद ने बताया कि गुरूवार को राज्य सरकार की टीम ने वार्ड नंबर 37 पश्चिमी झंडीचौड़ में स्थानीय किसानों की गेहूं की फसल का जायजा लिया। पार्षद सुखपाल शाह ने कहा कि सामूहिक खेती से किसानों को फायदा मिलेगा। आने वाले दिनों में और भी किसानों को इसका लाभ मिलने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि किसानों के खेत जंगल से सटे होने के कारण जंगली जानवर गेहूं, धान आदि की फसल को नष्ट करते हैं। जिससे किसानों को बहुत नुकसान उठना पड़ता है। कई बार जंगल से सटे हुए किसानों की सरहद पर हाथी सुरक्षा दीवार बनाने की मांग करते आ रहे हैं, लेकिन वर्तमान सरकार का चार साल का कार्यकाल पूरा होने के बावजूद भी सुरक्षा दीवार का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है। इस मौके पर कृषि विभाग के दुगड्डा प्रभारी योगेश रोहाली, न्याय पंचायत लक्ष्मणपुर प्रभारी सूरज पाल सिंह रावत, जगत सिंह, शशि मोहन बिंजोला, गणेश रावत, राजेन्द्र सिंह चौहान, मनोज बिंजोला आदि मौजूद थे सॉन्ग शशि मोहन, गणेश रावत राजेंद्र सिंह चौहान मनोज बिंजोला आदि कृषक उपस्थित थे।