सांसदों के बीच में दूरी, डोरस्टेप कोविड टेस्टिंगरू मनसून सत्र के लिए आए ये सुझाव
नई दिल्ली , एजेंसी। डोरस्टेप कोरोना वायरस टेस्टिंग, सदन में आराम से बैठने और भाषण देने की सुविधा, संसदीय क्षेत्र में आरटी पीसीआर टेस्ट, सेंट्रल हल में एक ओर से मूवमेंट जैसी कुछ सुविधाएं सांसदों को मनसून सत्र के दौरान मिलेंगी। मनसून सत्र की शुरुआत 14 सितंबर को होगी और यह एक अक्टूबर तक चलेगा।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के साथ हेल्थ एक्सपर्ट्स की बैठक में इस तरह के कुछ सुझाव सामने आए हैं। सदन में सांसद एक दूसरे से ठीक-ठाक दूरी पर एक क्यूबिकल में बैठेंगे और बीच में पलेक्सीग्लास की शीट लगी होगी।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दिल्ली के निदेशक ड़ रणदीप गुलेरिया ने बैठक में सुझाव दिया कि सांसदों को चलने की परंपरा के बजाए बैठने और बात करने की अनुमति दी जानी चाहिए। बैठने से वायरस का प्रसार नहीं होगा। अधिकारियों ने कहा कि स्पीकर बिरला ने सुझाव की सराहना की है।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण के केंद्रीय सचिव, राजेश भूषण ने एक अन्य योजना का सुझाव दिया, जिसे स्पीकर ने पसंद किया। भूषण ने सुझाव दिया कि वंदे भारत मिशन की तर्ज पर, जो सांसद संसद में उपस्थित रहेंगे, उनसे 72 घंटे पहले आरटीपीसीआर टेस्ट का अनुरोध किया जाए। उन्होंने कहा कि सांसदों को अपने घरों या संबंधित निर्वाचन क्षेत्रों में आरटी-पीसीआर परीक्षण लेने के लिए कहा जाए।
डा. गुलेरिया ने यह भी सुझाव दिया कि संसद के कुछ करिडोर और सेंट्रल हल में एक ओर से ही मूवमेंट की इजाजत दी जानी चाहिए। इस क्षेत्र में विजिटर और मीडिया पर्सन को जाने की इजाजत नहीं मिलेगी। एम्स के प्रमुख ने बताया कि इससे सांसदों के आमने-सामने आने का खतरा नहीं होगा और यह कोरोना वायरस को फैलने से भी रोकेगा।
स्पीकर बिरला ने फैसला लिया है कि इंडियन टी बोर्ड और इंडियन कफी बोर्ड ही वहां डिस्पोजल पेपर कप में चाय और कफी उपलब्ध कराएगा। इस दौरान कोई भी ग्लास का इस्तेमाल नहीं होगा। लोकसभा में आरटी-पीसीआर मशीन को लगाए जाने को लेकर भी चर्चा हुई। जब स्पीकर ने पूछा कि क्या ऐसी मशीन लगाई जा सकती है तो हेल्थ एक्सपर्ट्स ने इसे खतरे वाला करार दिया। उन्होंने बताया कि अगर ऐसा होगा तो यह खतरा भी पैदा कर सकता है, क्योंकि कुछ टेस्ट पजिटिव भी पाए जाएंगे।