सरदार वल्लभभाई पटेल की 70वीं पुण्य तिथि पर कांग्रेसियों ने किया उन्हें याद
देहरादून। स्वतंत्र भारत के प्रथम ग्रह मंत्री व अग्रिम पंक्ति के स्वतंत्रता संग्राम के नायक सरदार वल्लभभाई पटेल की 70वीं पुण्य तिथि के अवसर पर आज उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में कांग्रेसियों ने उन्हें याद किया। साथ ही उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प किया और देश के लिए उनके योगदान का स्मरण किया गया।
इस अवसर पर सरदार पटेल के योगदान को याद करते हुए प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि एक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के रूप में सरदार पटेल की भूमिका इतिहास में जिस तरह दर्ज है, उससे ज्यादा सुनहरे अक्षरों में आजाद भारत के तमाम रियासतों और प्रांतों को भारत में विलय करने व भारत को एक मजबूत राष्ट्र के रूप में स्थापित करने में सरदार की भूमिका दर्ज है। इस कारण वो लोगों के दिलों में हमेशा जीवित हैं। प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि सरदार पटेल कांग्रेस के दिगज्ज नेताओं में शुमार थे। वे पंडित नेहरू से उम्र में भी काफी बड़े थे, किंतु देश के गृह मंत्री की जिम्मेदारी जब पंडित नेहरू ने उनको सौंपी तो उन्होंने यह साबित कर दिया कि वे देश की किसी भी जिम्मेदारी को निभाने के पूर्ण रूप से काबिल हैं। धस्माना ने कहा कि नेहरू और सरदार को जोड़ने वाली सबसे महत्वपूर्ण कड़ी महात्मा गांधी थे। जिनका दोनों नेता बहुत सम्मान करते थे। इसीलिए कुछ मत भेद होने के बावजूद सरदार पटेल हमेशा पंडित नेहरू का प्रधानमंत्री के रूप में पूरा सम्मान करते थे।
इस मौके पर प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री संगठन विजय सारस्वत, महामंत्री गोदावरी थापली, महामंत्री राजेन्द्र शाह, महामंत्री नवीन जोशी, युवा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सुमित भुल्लर, प्रवक्ता श्रीमती गरिमा दसौनी, पार्षद दल के नेता डॉक्टर बैजेन्द्र पाल, सचिव मंजुला तोमर, नवीन पयाल, शोभा राम, महेश जोशी, ललित भद्री, अनिता निराला, कार्तिक चांदना, गोरखा प्रकोष्ठ अध्यक्ष अनिल बस्नेत, राजीव थापा, अजय सिंह, बिजेंद्र पोखरियाल,दीप चौहान, आदर्श सूद,अजय रावत, कपिल, सागर लाम्बा, पुष्कर सारस्वत, सुनीत सिंह आदि ने पुष्पांजलि अर्पित की। इस दौरान कुछ कांग्रेसियों ने कोविड के नियमों में मास्क के प्रति लापरवाही बरती।