सावन के आखिरी सोमवार को शिवालयों में उमड़ा आस्था का शैलाव
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। सावन के अंतिम सोमवार को कोटद्वार हर-हर महादेव, ओम नम: शिवाय और बोल बम के जयकारों से शिवमयी रहा। आखरी सोमवार मंदिरों को विशेष रूप से सजाया गया। भारी बारिश के बावजूद, सुबह से ही मंदिरों में भगवान शिव के जलाभिषेक को भक्तों का तांता लगा रहा। सावन के अंतिम सोमवार पर श्रद्धालुओं का उत्साह देखने लायक रहा। सावन की विदाई पर हर-हर महादेव के जयकारे लगाते हुए श्रद्धालुओं ने भगवान शिव का जलाभिषेक कर सुख समृद्धि की कामना की।
सावन माह के अंतिम सोमवार को स्थानीय सभी शिवालयों में आस्था का शैलाव उमड़ पड़ा। हर कोई भगवान भोलेनाथ के जयकारे लगाते हुए उनकी पूजा अर्चना में लीन दिखाई दिया। सुबह से बारिश के बावजूद, श्रद्धालुओं की आस्था में कोई कमी दिखाई नहीं दी। सावन माह के अंतिम सोमवार को विशनपुर स्थित शिवालय, काशीरामपुर शिवालय, पुराना सिद्धबली मार्ग स्थित शिव मंदिर, सिद्धबली, घराट, मनकामेश्वर मंदिर कुंभीचौड़ समेत अन्य स्थानीय मंदिरों व शिवालयों में श्रद्धालुओं का जमावड़ा सुबह से ही लगना शुरू हो गया था। भोर से ही हर-हर महादेव के जयकारे लगाते हुए पहुंचे श्रद्धालुओं ने लंबी कतारें लगाकर भगवान शिव का जलाभिषेक किया। सावन के अंतिम सोमवार को श्रद्धालुओं ने गायत्री मंत्र व भगवान शंकर के मंत्रों को जपते हुए भगवान शिव का जलाभिषेक किया। धतूरा, बेलपत्र, भांग, दूध, फल-फूल सहित शिव को प्रिय अन्य वस्तुएं लेकर पहुंचे शिव भक्तों ने हर-हर महादेव के जयकारे लगाए और भगवान शिव का जलाभिषेक किया। कतारों में खड़े श्रद्धालु शिव की आराधना के विभिन्न मंत्रों के जाप से वातावरण में शिव भक्तिकी सुगंधित बयार प्रवाहित कर रहे थे। सावन माह के अंतिम सोमवार को मंदिरों में दिन भर भजन-कीर्तन चलते रहे। मान्यता है कि जो भी इस माह में भगवान शिव की पूजा करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।