सामाजिक सरोकारों से अनुसंधान कार्यों को आगे बढ़ाएं वैज्ञानिक : नमीता प्रसाद
अल्मोड़ा। भारतीय वन्य जीव संस्थान देहरादून में राष्ट्रीय हिमालयी अध्ययन मिशन की दो दिवसीय छठी परियोजना निगरानी एवं मूल्यांकन कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्घाटन पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की संयुक्त सचिव नमीता प्रसाद ने किया गया।
बीते छह और सात जनवरी को हुई कार्यशाला से लौटे एनएमएचएस नोडल अधिकारी इं़ किरीट कुमार ने बताया कि मंत्रालय के माउंटेन डिविजन के निदेशक आरके कोडाली, विशेष अतिथि व वन्यजीव संस्थान के निदेशक ड़ एसपी यादव और वाडिया संस्थान देहरादून के निदेशक ड़क कलाचंद सेन यहां विशिष्ठ अतिथि रहे। इस कार्यशाला में हिमालयी राज्यों की दो दर्जन से अधिक संस्थानों की ओर से संचालित अनुसंधान परियोजनाओं की वार्षिक और अंतिम प्रगति का मूल्यांकन किया गया। कार्यशाला के शुभारंभ पर इं़ किरीट कुमार ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए राष्ट्रीय हिमालयी अध्ययन मिशन की प्रगति यात्रा का व्यौरा प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि 11 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों में व्यापकता से हिमालयी समाज की आवश्यकताओं के अनुरूप परियोजना अनुसंधानों के माध्यम से कार्य किया जा रहा है। संयुक्त सचिव नमीता प्रसाद ने कहा कि, राष्ट्रीय हिमालयी अध्ययन मिशन हिमालयी आवश्यकताओं को भली भांति प्रतिबिंबित कर रहा है। हिमालयी संवेदनशील भूगोल और प्रातिक चुनौतियों को यहां एक मंच पर गंभीर रूप से चिंता कर उनके सतत समाधानों की दिशा में कार्य किया जा रहा है।
ये रहे मौजूदरू कार्यशाला में एनआईएच जम्मू के ड़ एसएस रावत, टेरी नई दिल्ली के ड़ वीएसपी सिन्हा, सीएसआईआर बैग्लूरू के ड़क केसी गौड़ा, एनआईएच रुड़की के ड़ संजय कुमार जैन, ड पीजी जोश, सीआरआरआई के शिक्षा स्वरूपा, ड़ एस पदमा, एईईई नई दिल्ली के ड़ भाष्कर, एमआईटी विवि यूपी की ड़ विर्तिका सिंह, आईआईटी रुड़की के ड़ सुरेंद्र कुमार मिश्रा, जीबी पंत संस्थान अल्मोड़ा की ड़ वसुधा अग्निहोत्री आदि विशेषज्ञों ने तमाम जानकारियां दीं।