कोटद्वार-पौड़ी

कोटद्वार-दुगड्डा मार्ग पर पनपने लगा दूसरा डेंजर जोन

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-पांचवी मील से थोड़ा पहले ही टूटने लगी है पहाड़ी
-थोड़ी सी बारिश फिर से बंद कर सकती है नेशनल हाईवे को
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : नजीबाबाद-बुआखाल नेशनल हाईवे पर कोटद्वार-दुगड्डा के मध्य मुसीबते कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। कुछ दिन पहले तक यहां पांचवी मील के पास भूस्खलन होने और पहाड़ी से मलबा आने के कारण मार्ग बंद हो रहा था। जैसे-तैसे यहां पर वाहनों की आवाजाही के लिए व्यवस्था बनाई गई तो अब पांचवी मील से थोड़ा पहले एक नया डेंजर पनपने लगा है। यह नया डेंजर जोन लगातार विकराल रूप लेता जा रहा है। यदि यहां मार्ग बंद होता है तो लंबे समय के लिए पहाड़ी क्षेत्रों का कोटद्वार समेत मैदानी क्षेत्रों से संपर्क कट सकता है।
कोटद्वार-दुगड्डा मार्ग पहाड़ी क्षेत्रों को कोटद्वार समेत मैदानी क्षेत्रों से जोड़ने वाला प्रमुख मार्ग है। इस मार्ग के जरिये हर दिन मैदानी क्षेत्रों से कई रोजमर्रा की जरूरत की चीजों की आपूर्ति पहाड़ी क्षेत्रों में की जाती है। अगर यूं कहा जाए कि गढ़वाल के अधिकांश क्षेत्र कोटद्वार-दुगड्डा मार्ग पर निर्भर हैं तो गलत नहीं होगा। इसके बावजूद जिम्मेदार आज तक इस मार्ग के महत्व को नहीं समझ पाए हैं। थोड़ी सी बारिश में कोटद्वार-दुगड्डा मार्ग का बंद होना आम बात हो गई है। जिससे कोटद्वार के नौकरी पेशा समेत व्यापारियों और अन्य लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। क्षेत्रीय जनता लगातार इस मार्ग की पुख्ता मरम्मत की मांग उठाती आ रही है, लेकिन किसी भी स्तर पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

वायदे ऑलवेदर रोड के और धरातल पर दम तोड़ रही उम्मीदें
प्रदेश में कभी भाजपा तो कभी कांग्रेस दोनों ने ही सरकार बनाई और जनता से बड़े-बड़े वायदे किए। लेकिन, हकीकत यह है कि यहां आम जनता की सरकार से लगाई उम्मीदें धरातल पर दम तोड़ रही हैं। सरकारों ने पहाड़ों में ऑलवेदर रोड का वायदा किया, लेकिन आज तक कोटद्वार-दुगड्डा मार्ग की जर्जर हालत को नहीं सुधारा जा सका। आम जनता को झूठे वायदे कर सिर्फ वोट के लिए इस्तेमाल करना आम बात हो गई है।

इस तरह विकसित हो रहा नया डेंजर जोन
पांचवी मील से थोड़ा पहले कोटद्वार की ओर यह नया डेंजर जोन विकसित हो रहा है। बीते दिनों हुई लगातार बारिश के कारण यहां पर पहाड़ी कमजोर हो गई है। जिससे पहाड़ी का मलबा सड़क पर आ रहा है। पिछले दिनों भी यह मलबा सड़क पर आ गया था। जिससे मार्ग अवरुद्ध हुआ और वाहनों की आवाजाही भी ठप हो गई। हालांकि, तब नेशनल हाईवे डिपार्टमेंट ने मलबा हटाकर किसी तरह वाहनों की आवाजाही सुचारू कराई थी। लेकिन, अभी भी समस्या पूरी तरह से हल नहीं हुई है। यह दरकती पहाड़ी काफी बड़ी है, जो लगातार खिसकती जा रही है। यदि थोड़ी सी बारिश होती है और यह पहाड़ी पूरी नीचे आ जाती है तो यहां पर भूस्खलन का खतरा भी बढ़ जाएगा। यदि ऐसा होता है तो यह कहना गलत नहीं होगा कि कोटद्वार-दुगड्डा मार्ग लंबे समय के लिए बंद हो सकता है।

पांचवी मील के पास फिलहाल यातायात सुचारू है। साथ ही नीचे से पुश्ता बनाने का काम भी किया जा रहा है। हालांकि अब चिंता पांचवी मील से कुछ दूरी पर पनप रहे दूसरे डेंजर जोन ने बढ़ा दी है। यहां पर पहाड़ी का एक बड़ा हिस्सा खिसक रहा है। फिलहाल यहां वाहनों की आवाजाही के लिए व्यवस्था बना दी गई है, लेकिन इस पहाड़ी के नीचे आने की पूरी संभावना है जिसे रोकना बहुत मुश्किल है।
अरविंद जोशी, जेई, नेशनल हाईवे

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