उत्तराखंड

नंदाष्टमी पर मांगा मां नंदा से सुख-समृद्घि का आशीर्वाद

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पिथौरागढ़। नंदाष्टमी पर श्रद्घालुओं ने मां नंदा की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की। साथ ही उच्च हिमालयी क्षेत्रों में लाए ब्रह्मकल अर्पित किए और सुख-समृद्घि का आशीर्वाद मांगा। इस दौरान पूरा क्षेत्र मां के जयकारों और वैदिक मंत्रोच्चार से गूंज उठा। वहीं, ढुस्का और चांचरी का गायन भी किया। रविवार को मुनस्यारी के डाडा धार, चुलकोट, सुरिंग, मरतोली, मिलम, बला, पुरदुम, होकरा, समकोट और राथी समेत विभिन्न गांवों में आस्था का प्रतीक नंदाष्टमी पर्व उत्साह के साथ मनाया गया। सुबह से ही मां नंदा देवी के मंदिरों में श्रद्घालुओं की भीड़ जुटी रही। मां के जयकारे लगाते हुए श्रद्घालु मंदिर पहुंचे और विधि-विधान से पूजा अर्चना की। पूरा क्षेत्र मां के जयकारों से गूंज उठा। वैदिक मंत्रोच्चार के साथ श्रद्घालुओं ने उच्च हिमालयी क्षेत्रों से लाए ब्रह्मकमल अर्पित कर सुख-समृद्घि का आशीर्वाद मांगा। इस दौरान मंदिरों में मेलों का आयोजन हुआ। विवाहित बेटियां भी उत्साह के साथ मायके पहुंची और मेले में शामिल हुईं। मेलों के समापन पर देवडांगरों ने अवतरित होकर श्रद्घालुओं को आशीष दिया।
मुनस्यारी। नंदाष्टमी पर क्षेत्र के नंदा देवी मंदिरों में मेलों का आयोजन हुआ। इस दौरान ढुस्का, चांचरी सहित विभिन्न लोक गीतों का गायन हुआ। लोगों ने इन विधाओं की मनमोहक प्रस्तुति देकर लोगों को लोक संस्ति और लोक परंपराओं की झलक दिखाई। पूरे दिन इन लोकगीतों का गायन हुआ।
मुनस्यारी। क्षेत्र के सभी नंदा देवी मंदिरों में पूजा-अर्चना के बाद भजन-कीर्तनों का आयोजन हुआ। बड़ी संख्या में लोगों ने मंदिर पहुंचकर अपनी आराध्य देवी की स्तुति में भजन-कीर्तनों का गायन किया। इनकी धुन से मंदिर गूंज उठे। देर रात तक भजन-कीर्तनों का दौर चलता रहा।

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