सेवारत और पेंसनर्स की मासिक कटौती एक समान करने पर जताया एतराज
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। गवर्नमेंट पेन्सनर्स वेलफेयर एसोसिएशन उत्तराखण्ड के पदाधिकारियों ने कहा कि उत्तराखण्ड सरकार ने आयुष्मान भारत एवं अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना के अन्तर्गत की जाने वाली मासिक कटौती सेवारत कर्मचारियों व पेंसनर्स की एक समान करने के आदेश दिये है, जो न्याय संगत नहीं है। उन्होंने प्रदेश सरकार से सेवारत कर्मचारियों की तुलना में पेंसनर्स की मासिक कटौती पचास प्रतिशत करने की मांग की है।
एसोसिएशन के सदस्य पुष्कर सिंह गुसांई ने प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को भेज ज्ञापन में कहा कि कहा कि सेवारत कर्मचारियों की तुलना में पेन्सनर्स की पचास प्रतिशत व पारिवारिक पेन्सनर्स को तीस प्रतिशत धनराशि मिलती है। सेवारत कर्मचारियों की तुलना में पेन्सनर्स, पारिवारिक पेन्सनर्स के आश्रितों की संख्या अधिक होती है। उन्होंने कहा कि कोषागार ने पेन्सनर्स, पारिवारिक पेन्सनर्स के आयुष्मान भारत व अटल आयुष्मान योजना के कार्ड बनाने शुरू नहीं किये है। कार्ड बनाने की प्रक्रिया को शीघ्र शुरू किया जाना चाहिए। उत्तराखण्ड शासन द्वारा सरकारी एवं निजी अस्पतालों की सूची जाी की गई है। इस सूची में उत्तराखण्ड सहित देश के बड़े अस्पतालों को नहीं लिया गया है, उन्हें सूची में तत्काल सम्मिलित किया जाय। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत और अटल आयुष्मान योजना के तहत सेवानिवृत्त पेंशनरों और पारिवारिक पेंशनरों से सेवारत कर्मचारियों की तुलना में की जाने वाली कटौती यदि आधी नहीं की गई तो बुजुर्ग पेंशनरों को आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा।