उत्तराखंड

ग्रामीण युवाओं के कौशल विकास पर सात दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न

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अल्मोड़ा। ग्रामीण सशक्तिकरण और टिकाऊ षि पद्घतियों के लिए एक उल्लेखनीय उपलब्धि में हवालबाग के प्रायोगिक फार्म में आयोजित कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न हुआ। प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान अल्मोड़ा जिले के उडियारी, हवालबाग, पंचगांव, सयाली, कनालबुंगा गाँवों से 28 महिला प्रतिभागी शामिल रहे। प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों को मशरूम की खेती, मधुमक्खी पालन, पहाड़ी बड़ियाँ और टमाटर के पापड़ को सुखाने के लिए सोलर ड्रायर का उपयोग, सोया दूध से टोफू की तैयारी का प्रशिक्षण दिया। प्रतिभागियों को आजीविका और षि आय में सुधार के लिए रागी आधारित मूल्य वर्धित उत्पाद जैसे लड्डू, बिस्कुट, नमकीन मशरूम अचार, जैम और स्क्वैश तैयार करना व्यवहारिक रूप से सिखाया गया। कार्यक्रम में स्थानीय रूप से उपलब्ध पौधों जैसे पाइन नीडल्स, लेमन ग्रास और रोजमेरी से आवश्यक तेल निष्कर्षण और पर्यावरण-अनुकूल उत्पाद बनाने के लिए पाइन नीडल्स के अभिनव उपयोग के बारे में विस्त्रित रूप से जानकारी दी गई। प्रतिभागियों को स्थानीय रूप से प्राप्त सामग्रियों का उपयोग करके वानस्पतिक कीटनाशकों जैसे कि नीमास्त्र, अग्निआस्त्र, अमृत जल, अमृत धारा, संजीवनी, ब्रम्हास्त्र, पुष्प रसायन आदि की तैयारी और जैविक उर्वरकों जैसे कि जीवामृत, घनजेवामृत, बीजामृत की तैयारी सिखाई गई। पिरुल से पर्यावरण-अनुकूल उत्पाद जैसे कि पाईन ब्लोक और पौध उगाने के लिए पाईन पीट बनाने की विधि के बारे में बताया गया। कार्यक्रम के समापन पर मडुआ (रागी) से बने पारंपरिक व्यंजनों की प्रतियोगिता भी हुई। समापन पर सफल प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम आईसीएआर-वीपीकेएएस, अल्मोड़ा और अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना पर कटाई उपरान्त अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी के तत्वावधान में आयोजित किया गया।

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