शाह ने की चक्रवात से निपटने की तैयारियों की समीक्षा; 14 और 15 जून को भारी बारिश के आसार
अहमदाबाद, एजेंसी। चक्रवाती तूफान बिपरजॉय ने गुजरात के तट से टकराने से पहले ही खतरनाक रूप अख्तियार कर लिया है। इस चक्रवात की वजह से गुजरात के तटीय क्षेत्रों में अलर्ट जारी कर दिया गया है, जबकि लोगों को इन क्षेत्रों से निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम भी जारी है। आसपास के इलाकों में भी तेज हवाओं की वजह से पेड़ उखड़ कर गिर गए। दूसरी तरफ समुद्र में नावों को रोकने के लिए कोस्ट गार्ड ने भी गश्ती शुरू कर दी है। एनडीआरएफ की सात टीमों को गुजरात में तैनात किया गया है।
भुज पश्चिम के एसपी डॉ. करणराज वाघेला ने बताया कि स्थानीय प्रशासन का लक्ष्य निचले इलाकों, कच्चे मकानों में रह रहे लोगों को स्थानांतरित करना है। शरणस्थलों पर खाने-पीने की व्यवस्था की गई है। 2 हजार से ज्यादा पुलिस के जवान व 1400 से ज्यादा होमगार्ड तैनात किए गए हैं। हमने सभी बीच को बंद कर दिया है।
चक्रवात बिपरजॉय पर ठऊफा ऊकॅ मोहसिन शाहिदी ने बताया कि जिन इलाकों में ज्यादा क्षति होने की आशंका है, वहां से लोगों को हटाया जा रहा है, अब तक 28 हजार लोगों को हटाया जा चुका है। हमने ठऊफा की 17 और रऊफा की 13 टीमें तैनात की है। इसके अलावा हमने और 15 टीमों को आरक्षित रखा है। कच्छ, पोरबंदर, द्वारका, राजकोट, जुनागढ़ व मोरबी में हमारी टीमें तैनात हैं।
69 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है। 32 ट्रेनों को शॉर्ट-टर्मिनेट किया गया है, जबकि 26 ट्रेनों को यात्रियों की सुरक्षा और चक्रवात बिपरजोय की शुरुआत के संबंध में ट्रेन संचालन के मद्देनजर एहतियाती उपाय के रूप में शॉर्ट-ऑरजिनेट किया जाएगा। उढफड पश्चिम रेलवे सुमित ठाकुर ने बताया कि चक्रवात बिपरजॉय के मद्देनजर हमने वॉर रूम बनाए हैं, हम इस पर निगरानी रख रहे हैं। हमारे लगभग 2500 कार्य बल, फढा के जवान मौके पर तैनात हैं। वीरमगाम, राजकोट, ओखा आदि जो सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले इलाके हैं, वहां हमने माल गाड़ी को भी रद्द किया है।
द्वारका के गोमती घाट पर चक्रवात ‘बिपरजॉय’ का प्रभाव देखने को मिल रहा है। ज्वार की लहरें समुद्र में ऊंची उठ रही हैं। कांडला पोर्ट पर चक्रवाती तूफान को लेकर तैयारियां की गई हैं।
केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया ने कच्छ में चक्रवाती तूफान बिपरजोय की तैयारियों का जायजा लेने के लिए कांडला पोर्ट का दौरा किया। कांडला पोर्ट, कच्छ के अध्यक्ष एसके मेहता ने कहा कि यह कांडला पोर्ट का विस्तार है, हमने इसे पूरी तरह खाली करा दिया है। यहां 1500-2000 लोग रहते थे, हमने उन्हें गोपालपुर और गांधीधाम के शरण स्थल भेजा है। कुछ लोग अपने गांव जाना चाहते थे हमने उनके लिए बस की व्यवस्था की। कोई जनहानि नहीं हुई है। चक्रवात बिपरजॉय पर डॉ मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि 15 जून की शाम के आसपास यह चक्रवात सौराष्ट्र, कच्छ और पाकिस्तान के तटीय इलाके को पार करेगा। इस समय इसकी रफ्तार 125-135 किमी प्रति घंटा रहेगी, इसका प्रभाव पड़ सकता है। 14 और 15 जून को भारी बारिश होगी। चक्रवात बिपरजॉय के कराची के करीब पहुंचने पर पाकिस्तान के सिंध प्रांत के अधिकारियों ने सेना और नौसेना की मदद ली है। उन्होंने समुद्र तट के पास रहने वाले 80,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकालने का काम तेज कर दिया है। पाकिस्तान मौसम विज्ञान विभाग (पीएमडी) के अनुसार, पिछले 12 घंटों के दौरान अत्यधिक गंभीर चक्रवाती तूफान से बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान में बदल गया है। यह उत्तर-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ रहा है। राज्य राहत आयुक्त आलोक कुमार पांडे ने कहा कि अब तक जिला प्रशासन ने लगभग 21,000 लोगों को अस्थायी आश्रयों में स्थानांतरित कर दिया है। निकासी प्रक्रिया अभी भी जारी है और सभी प्रभावित आबादी को आज शाम तक सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया जाएगा। उन्होंने गांधीनगर में कहा कि 21,000 लोगों में से अकेले कच्छ जिले से करीब 6,500, देवभूमि द्वारका से 5,000, राजकोट से 4,000, मोरबी से 2,000, जामनगर से 1,500 से अधिक, पोरबंदर से 550 और जूनागढ़ जिले से 500 लोगों को निकाला गया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने चक्रवाती तूफान बिपरजोय की तैयारियों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और चक्रवात से प्रभावित होने वाले आठ जिलों के सांसद मौजूद थे। आईएमडी के महानिदेशक महापात्रा ने कहा, ‘‘आमतौर पर गुजरात के इन इलाकों में इतनी अधिक बारिश नहीं होती। इसलिए इससे निचले इलाकों में बाढ़ आने की आशंका है।’’ आईएमडी के अनुसार, पोरबंदर, राजकोट, मोरबी और जूनागढ़ में भारी से अधिक भारी बारिश होने के आसार हैं। इन जिलों में 140 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। महापात्र ने कहा, ‘‘ सौराष्ट्र, कच्छ के निचले तटवर्ती इलाकों में तीन से छह मीटर ऊंची ज्वारीय लहरें आ सकती हैं। ऐसे क्षेत्रों से लोगों को निकालने के लिए कदम उठाने और अधिकारियों को तत्काल कार्रवाई करने का सुझाव दिया गया है।’’ आईएमडी के अनुसार, गुजरात में कच्छ, देवभूमि द्वारका, जामनगर जिलों में 15 जून को 20 सेंटीमीटर से अधिक बारिश हो सकती है। महापात्रा ने कहा, ‘‘ आमतौर पर इन इलाकों में इतनी अधिक बारिश नहीं होती। इसलिए इससे निचले इलाकों में बाढ़ आने की आशंका है।’’
मोहपात्रा ने बताया कि 15 जून को चक्रवात के टकराने के बाद द्वारका, जामनगर, कच्छ और मोरबी जिले में हवाओं की रफ्तार 125 से 135 किमी प्रतिघंटे तक पहुंच जाएंगी। हवाओं की अधिकतम स्पीड 150 किमी प्रतिघंटे तक जा सकती है। इन हवाओं में काफी नुकसान पहुंचाने की क्षमता है।
मौसम विभाग के महानिदेशक डॉक्टर मृत्युंजय मोहपात्रा ने मंगलवार को कहा कि बिपरजॉय की वजह से पोरबंदर, देवभूमि द्वारका और कच्छ में हवाओं की रफ्तार तेजी से बढ़ रही है। यहां कल तक हवाओं की रफ्तार 65 से 75 किमी तक पहुंच सकती है।
गुजरात के पास अरब महासागर में चक्रवाती तूफान बिपरजॉय के कारण भारतीय तटरक्षक लोगों को पहले ही सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के लिए लगातार काम कर रहा है। सोमवार रात भी कोस्ट गार्ड ने द्वारका तटरेखा से 40 किलोमीटर दूर स्थित तेल खदान से 50 कर्मियों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया है।