कलश स्थापना के साथ शुरू हुआ शिव महापुराण
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत सुखरो देवी मंदिर में आंदोलनकारी व समाज सेवी स्व. सुधा सती की स्मृति में शिव महापुराण ज्ञान यज्ञ शुरू हो गया है। नौ दिनों तक चलने वाले शिव महापुराण ज्ञान यज्ञ का शुभारंभ कलश स्थापना से किया गया।
कथा वाचक आचार्य राकेश लखेड़ा ने शिव महापुराण कथा का वाचन किया। उन्होंने कहा कि शिव पुराण में भगवान शिव शंकर कहते हैं कि संसार में सबसे बड़ा धर्म सत्य है तथा असत्य सबसे बड़ा अधर्म है। कहा कि भगवान शंकर वैराग्य व त्याग की प्रतिमूर्ति है। भगवान शिव का परिवार भी विलक्षण ही है। वर्तमान में जहां एक ओर परिवारों में आपसी खटपट की घटनाएं होती रहती है तथा परिवारों में बैमनस्य व विखराव की स्थितियां पैदा हो रही है। वहीं विभिन्नताओं के बावजूद भी भगवान शिव का पूरा परिवार एकजूटता के सूत्र में बंधा हुआ है। भगवान शिव के एक पुत्र का वाहन मूषक है तो दूसरे पुत्र का वाहन मोर है। जबकि भगवान शंकर की पत्नी पार्वती का वाहन सिंह है तथा स्वंय शिव का वाहन वृषभ है। उनका वेश भी दिगंबर है। कहा सभी के परमपिता तो भगवान शिव ही है। उनकी महिमा अनंत है। उनकी कृपा के बगैर इस पृथ्वी पर कुछ भी संभव नहीं है। इस मौके पर लोगों ने कथा श्रवण कर पुण्य का लाभ कमाया।
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