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विश्व शांति एवं धर्म स्थापना के लिए शिवशक्ति महायज्ञ का आयोजन

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हरिद्वार। अखिल भारतीय श्रीपंच निर्वाणी अनी अखाड़े में विश्व शांति एवं धर्म स्थापना के लिए शिवशक्ति महायज्ञ का आयोजन किया गया। जिसमें अखंड पंच धूनी रमाई गई। यज्ञ के दौरान असीमित काल तक पंत भरतरी बैराग सतारा रोड भक्तवाड़ी से आए योगी रुद्रनाथ तपस्या करेंगे। श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत धर्मदास महाराज ने कहा कि संपूर्ण भारत में धर्म स्थापना विश्व कल्याण एवं कोरोना महामारी की समाप्ति हेतु यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। जिसकी पवित्र विभूति कैलाश पर्वत सहित संपूर्ण भारत में बरसाई जाएगी ताकि देश में धर्म का सकारात्मक प्रचार हो और प्राकृतिक आपदा एवं महामारी संपूर्ण विश्व से समाप्त हो। श्रीमहंत धर्मदास महाराज ने विनम्रता पूर्वक सभी पंथ संप्रदाय के धर्माचार्य एवं सिद्ध महापुरुषों से अपील करते हुए कहा कि यज्ञ में शामिल होकर धर्म का प्रचार प्रसार संपूर्ण विश्व में करें और मानवता को भारतीय संस्कृति का ज्ञान प्रेषित करें। श्रीमहंत धर्मदास महाराज ने कहा कि यज्ञ अग्नि का अवशेष भस्म सभी को मस्तक पर लगाते हुए सीखना चाहिए कि मानव जीवन का अंत मुट्ठी भर भस्म के रूप में शेष रह जाता है। इसलिए अपने अंत को ध्यान में रखते हुए जीवन के हर पल का सदुपयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि विषम परिस्थितियों में भी अपना संकल्प और मनोबल अग्निशिखा की तरह ऊंचा ही रखना चाहिए। अखिल भारतीय श्रीपंच निर्मोही अनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत राजेंद्रदास महाराज व अखिल भारतीय श्रीपंच दिगंबर अनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत रामकृष्ण दास नगरिया महाराज ने कहा कि धार्मिक अनुष्ठानों से देश की दिशा और दशा बदलती है। इस अनुष्ठान की धुनी से जो भभूती हैलीकॉप्टर द्वारा पूरे देश में बरसाई जाएगी। जिससे वातावरण शुद्ध होगा और कोरोना महामारी का विनाश होगा। महंत गौरी शंकर दास महाराज ने कहा कि जब कभी आकाश के वातावरण में असुरता की मात्रा बढ़ जाए तो उसका उपचार यज्ञीय प्रयोजनों से बढ़कर और कुछ नहीं हो सकता। पिछले दो महायुद्ध के कारण जनसाधारण में स्वार्थपरता की मात्रा अधिक बढ़ जाने से वातावरण में वैसा ही विक्षोभ फिर उत्पन्न हो गया है। उसके समाधान के लिए यज्ञ प्रक्रिया को पुनर्जीवित करना आज की स्थिति में और भी आवश्यक हो गया है। यज्ञ आयोजनों में लौकिक सुख समृद्धि को बढ़ाने की विज्ञान सम्मत परंपरा सन्निहित है। योगी रुद्रनाथ महाराज ने कहा कि गुरु गोरखनाथ की कृपा से यज्ञ का आयोजन किया गया है। धार्मिक अनुष्ठानों के माध्यम से प्रत्येक व्यक्ति का जीवन यज्ञ के समान पवित्र प्रखर एवं प्रकाशवान हो संत समाज सभी के लिए ऐसी कामना करता है। योगी ओम नाथ महाराज ने कहां कि यज्ञ से निकलने वाले द्रवित हुए पदार्थ जहां-जहां आवरण बनाते हैं वहां का संपूर्ण वातावरण शुद्ध हो जाता है। इस दौरान महंत नागा सुखदेव दास, महंत मुकेश दास, महंत कैलाशनाथ, नागा अवध बिहारी दास, महंत जोए राम सोए राम, महंत राम मनोहर दास, मस्तराम बाबा, महंत लक्ष्मण दास, महंत घनश्याम दास, महंत रमेश दास, महंत नरहरिदास, महंत मोहन दास खाकी, महंत भगवान दास खाकी, महंत रामजी दास, महंत रामशरण दास, महंत गौरी शंकर दास, महंत मनीष दास, महंत रामदास, महंत नरेंद्र दास, महंत महेश दास, महंत राघवेंद्र दास सहित बड़ी संख्या मे संत महंत उपस्थित रहे।

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