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श्रीराम मंदिर हमारी संस्कृति का आधुनिक प्रतीक बनेगा: मोदी

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नई दिल्ली, एजेंसी। अयोध्या में आज इतिहास रचा गया है। वर्षों तक अदालत में मामला चलने के बाद आज अयोध्या में राम मंदिर की नींव पड़ गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन किया है। पीएम मोदी ने अयोध्या पहुंच हनुमानगढ़ी में पूजा की, जिसके बाद उन्होंने रामलला के दर्शन किए। भूमि पूजन के दौरान मोहन भागवत, योगी आदित्यनाथ समेत कई मेहमान शामिल रहे। हर अतिथि को चांदी का सिक्का दिया गया, जिसमें राम दरबार की तस्वीरअंकित है।भूमिपूजन कार्यक्रम संपन्न होने पर प्रधानमंत्री ने अयोध्या की माटी को अपने माथे पर लगाया और प्रणाम किया। सियावर राम चंद्र की जय के साथ पीएम मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि सदियों से चल रहे टूटने और उठने के क्रम से राम जन्मभूमि आज मुक्त हुई है। श्रीराम का मंदिर हमारी संस्ति का आधुनिक प्रतीक बनेगा। अपने अभिभाषण में पीएम ने राम से प्रेरणा लेने की सीख दी।
उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि श्रीराम के नाम की तरह ही अयोध्या में बनने वाला ये भव्य राममंदिर भारतीय संस्ति की समृद्घ विरासत का द्योतक होगा। यहां निर्मित होने वाला राममंदिर अनंतकाल तक पूरी मानवता को प्रेरणा देगा। पीएम ने कहा कि आज भी भारत के बाहर दर्जनों ऐसे देश हैं जहां, वहां की भाषा में रामकथा प्रचलित है। मुझे विश्वास है कि आज इन देशों में भी करोड़ों लोगों को राम मंदिर के निर्माण का काम शुरू होने से बहुत सुखद अनुभूति हो रही होगी। आखिर राम सबके हैं, सब में हैं। तुलसी के राम सगुण राम हैं, तो नानक और कबीर के राम निर्गुण राम हैं! भगवान बुद्घ भी राम से जुड़े हैं तो सदियों से ये अयोध्या नगरी जैन धर्म की आस्था का केंद्र भी रही है। राम की यही सर्वव्यापकता भारत की विविधता में एकता का जीवन चरित्र है।
पीएम मोदी ने कहा कि राम विभिन्न रूपों में मिलेंगे। वह भारत की अनेकता में एकता के सूत्र हैं। तमिल, मलयालम, बांग्ला, कश्मीर, पंजाबी में राम हैं। उन्होंने आगे कहा कि विश्व के कई लोग खुद को राम से जुड़ा हुआ मानते हैं। कंबोडिया, थाईलैंड, मलेशिया, ईरान में भी राम कथाओं का विवरण मिलेगा। नेपाल और श्रीलंका में तो राम का आत्मीय संबंध जुड़ा है। राम दुनिया के हर रूप में रचे-बसे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भगवान श्रीराम का चरित्र और आदर्श ही महात्मा गांधी के रामराज्य का मार्ग है। राम आधुनिकता के पक्षधर हैं। राम की प्रेरणा के साथ भारत आज आगे बढ़ रहा है, मानवता ने जब-जब राम को माना है, विकास हुआ है। भटकने पर विनाश हुआ है। हमें संकल्पशक्ति से आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करना है।
इस दौरान पीएम मोदी ने तमिल रामायण का जिक्र भी किया। उन्होंने कहा कि अब हमें आगे बढ़ना है। देर नहीं करनी है। यही संदेश श्रीराम का आज के लिए है। सियापति रामचंद्र की जय-जयकार के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना संबोधन खत्म किया। पीएम ने कहा कि मुझे विश्वास है भगवान राम का ये मंदिर युगों-युगों तक मानवता को प्रेरणा देता रहेगा, मार्गदर्शन करता रहेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि श्रीराम का मंदिर हमारी संस्कृति का आधुनिक प्रतीक बनेगा। हमारी शाश्वत आस्था का प्रतीक बनेगा, राष्ट्रीय भावना का प्रतीक बनेगा। ये मंदिर करोड़ों-करोड़ों लोगों की सामूहिक शक्ति का भी प्रतीक बनेगा। श्रीराम भारत की मर्यादा हैं, श्रीराम मर्यादा पुरुषोत्तम हैं। उन्होंने कहा कि आज भूमि पूजन का कार्यक्रम अनेक मर्यादाओं के बीच हो रहा है।
श्रीराम के काम में मर्यादा का जैसे उदाहरण प्रस्तुत किया जाना चाहिए, वैसा ही उदाहरण देश ने पेश किया है। ये उदाहरण तब भी पेश किया गया था, जब उच्चतम न्यायालय ने अपना फैसला सुनाया था।
पीएम ने कहा कि आज का ये दिन सत्य, अहिंसा, आस्था और बलिदान को न्यायप्रिय भारत की एक अनुपम भेंट है। राममंदिर के निर्माण की ये प्रक्रिया, राष्ट्र को जोड़ने का उपक्रम है। उन्होंने कहा कि राम मंदिर के लिए चले आंदोलन में अर्पण भी था, तर्पण भी था, संघर्ष भी था, संकल्प भी था। जिनके त्याग, बलिदान और संघर्ष से आज ये स्वप्न साकार हो रहा है, जिनकी तपस्या राममंदिर में नींव की तरह जुड़ी हुई है, मैं उन सबको आज 130 करोड़ देशवासियों की तरफ से नमन करता हूं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामजन्मभूमि स्थल पर भगवान राम को साष्टांग प्रणाम किया और पूजा अर्चना की। रामलला विराजमान से चंद कदमों की दूरी पर प्रधानमंत्री ने पारिजात पौधे का रोपण किया।
पौधारोपण के बाद प्रधानमंत्री पूजा स्थली के लिए रवाना हो गए। यहां पर पूजा के दौरान 9 शिलाओं का अनुष्ठान किया गया, इसके अलावा भगवान राम की कुलदेवी काली माता की भी पूजी की गई। इसके लिए दो हजार से अधिक स्थानों और 100 से अधिक पवित्र नदियों एवं सैकड़ों कुंडों का जल लाया गया था।

भव्य मंदिर का निर्माण होगा
बरसों से टाट और टेंट के नीचे रह रहे हमारे रामलला के लिए अब एक भव्य मंदिर का निर्माण होगा। टूटना और फिर उठ खड़ा होना, सदियों से चल रहे इस व्यतिक्रम से रामजन्मभूमि आज मुक्त हो गई है। पूरा देश रोमांचित है, हर मन दीपमय है। सदियों का इंतजार आज समाप्त हो रहा है। राम जन्म भूमि के पवित्र आंदोलन से जुड़ा हर व्यक्ति जो जहां है इस आयोजन को देख रहा है वह भाव विभोर है सभी को आशीर्वाद दे रहा है साथियों राम हमारे मन में गड़े हुए हैं।(एजेंसी)

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