सिद्धबाबा के डोले के नगर भ्रमण से शुरू हुआ तीन दिवसीय वार्षिक अनुष्ठान

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। श्री सिद्धबली बाबा का वार्षिक अनुष्ठान शुक्रवार को विधि विधान से शुरू हुआ। श्री सिद्धबली बाबा वार्षिक अनुष्ठान महोत्सव 2020 के तहत एकादश कुंडीय यज्ञ के शुभारंभ का प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी तीन दिवसीय श्री सिद्धबली बाबा जयंती मेला शुरू हो गया। इसके साथ ही सिद्धों का डांडा वेद ऋचाओं से गूंजने लगा है। ब्रह्म मुहूर्त में पं. देवी प्रसाद भट्ट के दिशा-निर्देशन में भगवान बजरंग बली का महाभिषेक किया गया। इस मौके पर समूचे मंदिर परिसर को फूलों व रंगबिरंगी लाइटों से सजाया गया। श्री सिद्धबली बाबा वार्षिक अनुष्ठान के प्रथम दिवस पर प्रतिवर्ष सिद्धबाबा की भव्य शोभायात्रा निकलती है। शोभायात्रा में कोटद्वार ही नहीं, बाहरी क्षेत्रों से भी कलाकार पहुंचते हैं व झांकियां सजाते हैं। कोरोना संक्रमण के चलते इस वर्ष शोभायात्रा का आयोजन नहीं किया गया। इस वर्ष सिद्धबाबा के डोले की झांकी को ही नगर भ्रमण करवाया गया। बाबा के डोले को देखने के लिए जगह-जगह लोग खड़े रहे।
शुक्रवार को ब्रह्मा मुहूर्त में मुख्य पुजारी पंडित देवी प्रसाद भट्ट के दिशा-निर्देशन में मंदिर के मंहत दलीप मंहत आदि ने खोह नदी के तट पर संकल्प लिया। इसके बाद 11 कन्याओं व 11 सुहागवती महिलाओं ने खोह नदी से जल लेकर यज्ञस्थल तक कलश यात्रा निकाली। खोह नदी के पवित्र जल से श्री सिद्धबाबा का महाभिषेक किया गया। महाभिषेक के बाद मंदिर समिति के सदस्यों ने ‘सिद्धों का डांडा’ में सिद्धबाबा की ध्वज पताका फहराई। यज्ञ की पूर्णाहूति 6 दिसंबर को दी जाएगी।


मुख्य अतिथि नगर निगम की महापौर श्रीमती हेमलता नेगी, पूर्व मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी ने सिद्धबाबा डोला की झांकी का नगर भ्रमण के लिए शुभारंभ किया। सिद्धबली मंदिर से सिद्धबाला के डोला की झांकी मंदिर समिति के पदाधिकारी एवं सदस्यों ने लोक निर्माण विभाग कॉलोनी से होकर बुद्धा पार्क, बदरीनाथ मार्ग, झण्डाचौक से होते हुए गोविन्द नगर स्थित गुरूद्वारे तक निकाली गई। इस मौके पर पूर्व मंत्री ने कहा कि सिद्धबली जयंती मेला बाबा का सबसे बड़ा मेला माना जाता है। इस प्रकार के आयोजनों से संस्कृति के विकास को बढ़ावा मिलता है। साथ ही युवाओं को अपनी संस्कृति के बारे में अधिक से अधिक जानकारियां मिलती है। उन्होंने कहा कि यह कोटद्वार की जनता के लिए सौभाग्य की बात है कि सिद्धबली धाम में देश ही नहीं बल्कि विदेशी लोगों की भी आस्था जुड़ी हुई है। अपनी संस्कृति को बेहतर बनाने के लिए हमें अधिक से अधिक प्रयास करने चाहिए। मेला के संयोजक अनिल कंसल ने कहा कि सिद्धबली धाम आस्था का सबसे बड़ा धाम है, इसलियें जो भी इस धाम में सच्चे मन से आता है बाबा उसकी सभी मुरादें पूरी कर देते है। उन्होंने कहा कि मेले को सही ढ़ग से सम्पन्न करवाना जनता की पहली जिम्मेदारी है। उन्होंने जनता से मेले में सुव्यवस्था बनाये रखने में सहयोग देने की अपील की है। यज्ञ में उद्योगपति अनिल कंसल के अलावा श्री सिद्धबली मंदिर समिति के अध्यक्ष कुंजबिहारी देवरानी, मंहत दलीप रावत, जीत सिंह पटवाल, रविन्द्र नेगी, डॉ. रवि नेगी, रविन्द्र जजेड़ी, शुभम रावत, मनोहर भंडारी सहित कई लोग मौजूद थे।

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