सीता जन्म का दृश्य रहा आकर्षण का केंद्र
जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी : रामलीला के दूसरे दिन गणेश वंदना गाइए गणपति जग वंदन से शुरू हुई। राजा जनक जी से प्रजा द्वारा हल चलाने के अनुरोध पर हल चलाते हुए हल के फल का जमीन पर टकराकर सीता जन्म का दृश्य बड़ा सजीव व आकर्षक रहा। राक्षसों द्वारा विश्वामित्र का यज्ञ भंग, विश्वमित्र का दशरथ से राम लक्ष्मण को मांगना, ताड़का वध और भगवान राम द्वारा अहिल्या तारण तक की लीला मंचित की गई। जनक की भूमिका आशुतोष नैथानी, सुनैना सुनंदा , विश्वामित्र गोपाल नेगी, ताड़का नीरज नेगी, सुबाहू शुभम, मारीच अमर चिटकारिया और अहिल्या वैभवी चमोली ने निभाई।
ताड़का के लिए नीरज के अभिनय को दर्शको द्वारा काफी सराहा गया। राम की भूमिका में विजेंद्र राणा और लक्ष्मण की भूमिका में दीपक नेगी का अभिनय सशक्त रहा। बेहतरीन दृश्य संयोजन विक्रम गुसांईं द्वारा संचालित किए जा रहे हैं। भाव नृत्य की प्रस्तुति कनिका चिटकारिया दी। दशरथ के लिए पाश्र्व गायन मनोज रावत अंजुल, राम के लिए सर्वेंद्र रावत, ताड़का के लिए जय श्री ने किया। रुप सज्जा का कार्य सुरेंद्र रमोला, अर्जुन गोदियाल , गौरव गैरोला, बीना चिटकारिया जबकि वस्त्र सज्जा का कार्य राजेंद्र लिंगवाल, नवीन मियां कर रहे हैं। राम भेंट अंकनकर्ता में विमल बहुगुणा, जसपाल रावत और देवेन्द्र रावत सहयोग कर कर रहे हैं। इस अवसर पर गणेश रावत, मनवीर रावत, कुलदीप गुसांईं आदि शामिल थे।