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सियासी गहमागहमी में 29 से शुरू होगा संसद का बजट सत्र

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नई दिल्ली, एजेंसी। कोविड प्रोटोकल के साथ संसद का बजट सत्र 29 जनवरी से शुरू होगा और एक फरवरी को वर्ष 2021-22 का आम बजट पेश होगा। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के दोनों सदनों में संयुक्त अभिभाषण से बजट सत्र की शुरुआत होगी। दो चरणों में होने वाले बजट सत्र के पहला चरण 29 जनवरी से शुरू होकर 15 फरवरी तक चलेगा। जबकि सत्रावकाश के बाद 8 मार्च से बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरुआत होगी और 8 अप्रैल को सत्र समाप्त होगा। कैबिनेट की राजनीतिक मामलों की समिति ने बजट सत्र के कार्यक्रम की रूपरेखा तय कर दी है और बुधवार को कैबिनेट की बैठक में इस पर अंतिम मुहर लगा दिए जाने की पूरी संभावना है।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को मोदी सरकार की दूसरी पारी का दूसरा आम बजट पेश करेंगी और इसी के साथ वे लगातार तीसरी बार बजट पेश करने वाली देश की पहली महिला वित्तमंत्री भी बन जाएंगी। लोकसभा में आम बजट पेश करने से एक दिन पहले वित्तमंत्री देश के आर्थिक परिदृश्य की तस्वीर पेश करने वाले सालाना आर्थिक सर्वे को भी सदन में रखेंगी। चूंकि रेल बजट पहले ही आम बजट का हिस्सा बनाया जा चुका है, इसीलिए उसे अब अलग से पेश नहीं किया जाता। षि सुधार कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन की सियासी गरमी के बीच होने जा रहे बजट सत्र में राजनीतिक लिहाज से भी काफी गहमागहमी रहने का अनुमान है।
विशेषकर यह देखते हुए कि कोविड महामारी की चुनौतियों का हवाला देकर सरकार ने संसद के शीत सत्र को रद कर दिया। विपक्षी दलों ने सरकार के इस फैसले पर बेहद तीखा सवाल उठाते हुए सरकार पर लोकतांत्रिक व्यवस्था पर कुठाराघात करने का आरोप भी लगाया था। चूंकि बजट सत्र अपेक्षात लंबा होगा इसीलिए विपक्ष को इस दौरान जनता से जुड़े मुद्दों को उठाने का मौका मिलेगा। हालांकि संकेत यही है कि कोरोना महामारी की चुनौतियों को देखते हुए मानसून सत्र की तरह ही बजट सत्र के दौरान भी लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही अलग-अलग पालियों में चार-चार घंटे ही होंगी। शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए राज्यसभा की कार्यवाही सुबह की पाली में होगी तो दोपहर बाद लोकसभा की बैठकें शुरू होंगी। सदन की बैठक के दौरान राज्यसभा के सदस्य अपने सदन और दर्शक दीर्घा के अलावा लोकसभा के सदन में भी बैठेंगे। लोकसभा की कार्यवाही के दौरान इसी तरह उसके सांसद राज्यसभा की दीर्घा में भी बैठेंगे।
कोरोना महामारी के बीच वैक्सीन को स्वीति मिलने और षि कानून को लेकर किसानों के आंदोलन के बीच इस बार का बजट सत्र अहम होगा। कोरोना काल में कई लोगों की नौकरी जाने के बाद इस बार मध्य वर्ग को भी ज्यादा उम्मीदें हैं। उनके लिए राहत भरी घोषणा की जा सकती है। पिछले दिनों वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी कहा था कि बजट सत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर पर होने वाले खर्च पर जोर दिया जाएगा।

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