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चट्टान दरकने से कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग बंद, उच्च हिमालयी क्षेत्रों में हिमपात जारी

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धारचूला/मुनस्यारी पिथौरागढ़ । एक दिन चटक धूप खिलने के बाद गुरुवार को फिर मौसम ने रंग बदल दिया है। उच्च हिमालय में भारी हिमपात हो रहा है। कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग पेलसीता के बाद बारूदी विस्फोट से पहाड़ दरक गया है। उच्च हिमालय में गर्बाधार-लिपुलेख मार्ग पर छियालेख से लिपुलेख के बीच ग्यारह स्थानों पर ग्लेशियर खिसक कर आ चुके हैं। बीआरओ मार्ग से बर्फ हटाने में जुटा है। दारमा मार्ग दर से आगे मिलम मार्ग रिलको से आगे बंद है। चीन सीमा का सम्पर्क कटा हुआ है। जिले भर में दिन में आसमान में बादलों की आवाजाही रही। उच्च और उच्च हिमालय में घने बादल छाए हैं।
बुधवार को जिले में उच्च हिमालय से लेकर मध्य हिमालय तक मौसम साफ रहा। दिन भर चटक धूप खिली। गुरुवार सुबह भी मौसम साफ था धूप खिली परंतु पूर्वांह 11 बजे तक उच्च हिमालय में घने बादल छा गए जिले के अन्य भू भागों में भी बादलों की आवाजाही होने लगी। इस दौरान हवाएं चलने से तापमान में भी कमी आ गई।
धारचूला से मिली जानकारी के अनुसार कैलास मानसरोव यात्रा मार्ग यानि गर्बाधार -लिपुलेख मार्ग पर बीआरओ पेलसिती के पास मार्ग चौड़ीकरण का कार्य कर रहा था। इस दौरान चट्टान तोडने के लिए किए बारूदी विस्फोट से पूरा पहाड़ दरक कर आ गया। जिससे मार्ग बंद हो गया। छियालेख से लिपुलेख के बीच ग्यारह स्थानों पर ग्लेशियर खिसक कर सड़क तक आ चुके हैं। खंगलो, कक्स्यो, चंपू नाला और चौना गेट में भारी ग्लेशियर आ चुके हैं। जिसके चलते अब गुंजी तक भी जल्द मार्ग खुलने के आसार नहीं है। गुंजी -कुटी -आदि कैलास मार्ग में सभी स्थानों पर ग्लेशियर आ चुके हैं। कुटी यांगती नदी पर ग्लेशियर बन चुके हैं। क्षेत्र में फिर हिमपात होने लगा है। सोबला – दारमा मार्ग दर से आगे बंद है। इस मार्ग में सेला से लेकर तिदांग तक मार्ग पर ग्लेशियर बने हैं।
उधर, मुनस्यारी से मिली जानकारी के अनुसार गुरुवार को फिर से बादल छाए हैं। उच्च हिमालय में सुबह से ही हिमपात हो रहा है। पंचाचूली, राजरंभा, हंसलिंग, नंदा देवी, नंदा कोट, सिदमधार, बृजगंग, रालम सहित पूरे उच्च हिमालय में हिमपात हो रहा है। जिसके चलते ठंडी हवाएं चलने से मुनस्यारी में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। आए दिन मौसम खराब होने से बर्फीले क्षेत्रों में ग्रामीणों की परेशानियां बढ़ चुकी हैं।

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