उत्तराखंड

केदारनाथ यात्रा के लिए अब तक हुआ 4500 घोड़े खच्चरों का रजिस्ट्रेशन

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रुद्रप्रयाग। विश्व प्रसिद्घ केदारनाथ धाम की यात्रा को लेकर संबंधित विभागों की तैयारियां जोरों पर है। गांव स्तर पर घोड़े खच्चरों के रजिस्ट्रेशन के बाद अब जिला पंचायत ने सोनप्रयाग एवं गौरीकुंड में मजदूर, डंडी कंडी माल वाहन घोड़े खच्चरों का पंजीकरण व लाइसेंस बनाने का कार्य शुरू कर दिया है। जबकि जनपद के अनेक स्थानों पर लगाए गए शिविरों के माध्यम से अब तक 4500 घोडे खच्चरों का रजिस्ट्रेशन कर दिया गया है। केदारनाथ धाम की यात्रा शुरू होने में महज 8 दिन का समय शेष रह गया है। ऐसे में जिला प्रशासन विभिन्न विभागों की मदद से निरंतर केदारनाथ यात्रा तैयारियों में जुटा है। रविवार से जिला पंचायत की टीमों ने सोनप्रयाग व गौरीकुंड में नियमित रूप से पंजीकरण व लाइसेंस बनाने क कार्य शुरू कर दिया है। जिसमें सोनप्रयाग में मालवाहक घोडा-खच्चर व हकरों का पंजीकरण, जबकि गौरीकुंड में डंडी-कंडी एवं मजदूरों का पंजीकरण व लाइसेंस बनाने का कार्य होगा। पहले दिन टीमें इंतजार करती रही है, लेकिन किसी भी पंजीकरण नहीं कराया। गत 21 मार्च से 10 अप्रैल तक जनपद के विभिन्न स्थानों पर जिला पंचायत ने घोडा-खच्चरों के पंजीकरण के लिए शिविर लगाए थे। जिसमें मेडिकल प्रमाण पत्र एवं बीमा के उपरान्त कुल 4500 घोडे खच्चरों के पंजीकरण कर लाइसेंस बनाए जा चुके है। जिला पंचायत की ओर से घोडे-खच्चर एवं डंडी कंडी मजूदरों के लिए लाइसेंस फीस 400 रूपए, 40 रूपए बीमा एवं 214 रूपए टोकन फीस के रूप में लिए जा रहे है। यदि पैदल मार्ग पर किसी मजूदर की मृत्यु हो जाती है, तो उसे पचास हजार रूपए का बीमा दिया जाएगा। यह लाइसेंस छह माह के लिए वैध होता है। जिला पंचायत के कर निरीक्षक ज्ञानेन्द्र बगवाडी एवं दिनेश नौटियाल ने बताया कि सोनप्रयाग व गौरीकुंड में लाइसेंस बनाने का कार्य नियमित रूप से शुरू हो गया है। पहले दिन कोई भी मजदूर पंजीकरण के लिए नहीं पहुंचा। बताया जनपद में शिविर के माध्यम से 4500 घोडे-खच्चरों का पंजीकरण किया जा चुका है।

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