उत्तराखंड

बदरीनाथ में हो रहे ध्वस्तिकरण पर भड़के तीर्थपुरोहित

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नई टिहरी। मास्टर प्लान के तहत बदरीनाथ धाम में कपाट बंदी के समय बड़े स्तर पर किये ध्वस्तिकरण से तीर्थपुरोहितों व व्यापारियों में जबरदस्त आक्रोश बना है। तीर्थपुराहितों ने सरकार की इस कार्रवाई को उनकी आजीविका पर सीधा कुठाराघात बताया। उन्होंने न्याय के लिए कोर्ट की शरण में जाने की बात कही है। प्रधानमंत्री मोदी का बदरीनाथ धाम को स्मार्ट स्प्रिच्युल टाउन का ड्रीम प्रोजेक्ट है। जिसमे मास्टर प्लान के तहत काम जारी है। इससे सर्वाधिक प्रभावित तीर्थ पुरोहित समाज व व्यापारी वर्ग हुआ है। देवप्रयाग के 5 सौ से अधिक तीर्थ पुरोहित परिवार सैकडों वर्षों से बदरीनाथ धाम पर आश्रित है। श्री बदरीश पंडा पंचायत के अनुसार धाम में तीर्थ पुरोहितों के मुख्य पूजा स्थल अलकनंदा स्थित गांधी घाट को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया गया है। यहां देशभर से आने वाले श्रद्घालुओं को तीर्थपुरोहित तीर्थ पूजन करवाने के साथ ही यहां बने कक्षों में यजमानों की वंशवालियों भी रखते रहे हैं। लेकिन आज इसको मलबे के ढेर में बदल दिया गया है। वहीं बदरीनाथ मंदिर से बामणि मार्ग स्थित मार्किट के पूरी तरह ढहा दिये जाने से यहां दुकानें लगाने वाले व्यापारियों में भी खासा रोष बना है। मास्टर प्लान में बड़े पैमाने मे तोड़फोड़ से धाम में जीवनयापन करने वाले सैकड़ों परिवारों को इस बार काफी आर्थिक संकट झेलना पड़ सकता है। इससे कपाट खुलने के साथ ही जहां सरकार को भारी जनाक्रोश झेलना पड़ सकता है, वहीं कई लोग कोर्ट में जाने की तैयारी भी कर चुके हैं।

 

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