एसएसबी के बर्खास्त सिपाही ने विरेंद्र रावत को बताई पीड़ा

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रुड़की। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के निर्देश पर पीसीसी सदस्य विरेंद्र रावत ने लक्सर पहुंचकर एसएसबी से बर्खास्त कैंसर पीड़ित हेड कांस्टेबल अश्विनी से मुलाकात की। उन्होंने अश्विनी से पूरे मामले की जानकारी ली। आश्वासन दिया कि पूर्व सीएम एसएसबी के डीजी से बात कर उन्हें इंसाफ दिलाएंगे। लक्सर के केशवनगर मौहल्ला निवासी अश्विनी पुत्र सतपाल 2005 में एसएसबी में कांस्टेबल भर्ती हुए थे। हाल ही में विभाग ने उन्हें भगोड़ा घोषित कर नौकरी से बर्खास्त किया है। अश्विनी ने इसके खिलाफ राष्ट्रपति, पीएम, गृह मंत्री व रक्षा मंत्री को शिकायत भेजी है, पर कार्रवाई नहीं हुई। दो दिन पूर्व अश्विनी ने सोशल मीडिया पर अपनी बात रखी थी। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इस पर संज्ञान लिया। जिस पर पीसीसी सदस्य विरेंद्र रावत गुरुवार को अश्विनी से मिलने पहुंचे। अश्वनी ने बताया कि 2017 से वे गले के कैंसर से पीड़ित हैं, जिसका इलाज जॉलीग्रांट में हो रहा है। इलाज में आसानी के लिए विभाग ने उन्हें श्रीनगर से हटाकर ऋषिकेश स्थित विभागीय आवागमन शिविर में तैनाती दे दी थी। बताया कि 2019 में विभाग में तैनात एक बड़े अधिकारी ने उसी पोस्ट पर रहे पुराने अधिकारी के खिलाफ गवाही देने का दबाव अश्विनी पर बनाया। मना करने पर उन्हें प्रताड़ित किया जाने लगा। नवंबर 2020 में अश्विनी मेडिकल अवकाश पर आए थे। बाद में अधिकारी ने उन्हें वापस ड्यूटी ज्वाइन नहीं करने दी। आरोप है कि अब साजिशन उन्हें भगोड़ा घोषित कर बर्खास्त किया गया है। उनकी बात सुनने के बाद विरेंद्र रावत ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री के स्तर से एसएसबी के डीजी से बात कर अश्विनी को इंसाफ दिलाया जाएगा। उनके साथ अंकुर भाटिया, पंकज सैनी, सुकरम चौधरी, आशीष सैनी भी मौजूद थे।

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