सुप्रीम कोर्ट का फरमान, संक्रमितों के बढ़ते आंकड़ों के बीच एंबुलेंस सेवाओं का शुल्क न बढ़ने दें राज्य सरकारें
नई दिल्ली, एजेंसी। देश में जैसे-जैसे संक्रमितों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है वैसे-वैसे मरीजों के लिए एंबुलेंस सेवाओं का शुल्क पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता प्रकट की है। कोर्ट ने एंबुलेंस सेवा का उचित शुल्क तय करने के निर्देश दिए हैं। स्वस्थ्य सेवाओं को सुचारू रखने वाली याचिका में सुनवाई करते हुए यह आदेश दिए गए हैं। इसके साथ कोर्ट ने सभी राज्यों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि कोरोना वायरस रोगियों को अस्पताल ले जाने के लिए हर जिले में पर्याप्त संख्या में एंबुलेंस उपलब्ध हों।
इस आदेश के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना महामारी से निपटने के लिए राज्यों को केंद्र द्वारा जारी की गई सलाह को मानने के आदेश दिए हैं। बता दें कि इससे पहले पहले केंद्र सरकार द्वारा राज्यों को कोविड-19 टेस्ट के लिए शुल्क तय करने के लिए कहा था हालांकि देश के प्राइवेट अस्पतालों द्वारा कोविड टेस्ट के शुल्क को एक एक बराबर नहीं किया गया है।
सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद एंबुलेंस द्वारा अपनी मनमर्जी से वसूल किए जा रहे शुल्क पर पाबंदी लग जाएगी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हाल ही में महाराष्ट्र के पुणे में एक एसा ही मामला सामने आया था, जिसमें जिला प्रशासन ने एक एंबुलेंस सेवा प्रदाता के खिलाफ केस दर्ज किया था। उन पर आरोप था कि 25 जून को एक कोविड-19 मरीज से सात किलो मीटर की दूरी के लिए एंबुलेंस ने 8 हजार रुपए वसूले किए थे।