दिल्ली-दून हाईवे चौड़ीकरण में एफआरआइ की सर्वे रिपोर्ट तलब, याचिका पर अगली सुनवाई 11 को
नैनीताल । हाई कोर्ट ने राजाजी नेशनल पार्क के मोहंड क्षेत्र में दिल्ली-देहरादून हाईवे चौड़ीकरण के लिए ढाई हजार पेड़ काटने के खिलाफ दायर याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई की। कोर्ट ने मामले में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) से वन अनुसंधान संस्थान (एफआरआइ) की सर्वे रिपोर्ट की प्रतिलिपि तलब कर ली।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में देहरादून निवासी रीना पाल व हल्द्वानी निवासी अमित खोलिया की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में कहा गया कि मोहंड क्षेत्र राजाजी नेशनल पार्क के साथ ही शिवालिक क्षेत्र के भू-भाग में आता है, जो पर्यावरण की दृष्टिड्ढ से बेहद महत्वपूर्ण है। यहां से पूरी दून घाटी के लिए पानी रिचार्ज होता है। यदि हाईवे चौड़ीकरण के लिए करीब तीन किमी दायरे में ढाई हजार पेड़ काटे गए तो पूरी दून घाटी के पर्यावरण पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। याचिका में पेड़ों का कटान स्थगित करने की मांग की गई।
सुनवाई के दौरान एनएचएआइ की ओर से कहा गया कि क्षेत्र में हाथियों के लिए अंडरपास बनाया जा रहा है। एफआरआइ की ओर से सर्वे कराया गया, जिसके बाद ही चौड़ीकरण किया जा रहा है। इसपर कोर्ट ने एनएचएआइ के अधिकारी को मौखिक के बजाय शपथपत्र के साथ तथ्यों को लिखित रूप से व एफआरआइ की रिपोर्ट की कपी पेश करने का निर्देश दिया। अगली सुनवाई 11 अगस्त को होगी।