मुंबई, एजेंसी। सड़क हादसे में सायरस मिस्त्री के निधन के बाद टाटा ग्रुप ने दुख जताया है और उन्हें श्रद्घांजलि दी है। मिस्त्री 2012 से 2016 तक टाटा ग्रुप के चेयरमैन रह चुके हैं। टाटा सन्स के चेयरमैन एन चंद्रशेखर की तरफ से जारी बयान में कहा गया, सायरस मिस्त्री के अचानक निधन से हमें गहरा दुख पहुंचा है। उनमें जीने का जुनून था। यह बड़े दुख की बात है कि इतनी कम उम्र में उनका निधन हो गया। बता दें कि मिस्त्री की उम्र 54 साल थी।
बता दें कि पालघर के पास सड़क हादसे में मिस्त्री की मौत हो गई है। सेफ्टी बलून्स खुलने के बाद भी उनकी जान नहीं बची और अस्पताल में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। वह अहमदाबाद से मुंबई वापस आ रहे थे। उनके साथ मर्सिडीज गाड़ी में कुल चार लोग थे। मिस्त्री समेत दो लोगों की मौत हो गई है और दो अन्य को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
मिस्त्री क्यों छोड़ना पड़ा था टाटा ग्रुप
सायरस मिस्त्री और रतन टाटा के बीच का विवाद इतना बढ़ गया था कि इसे कर्पोरेट जगत के बड़े झगड़े के रूप में जाना जाता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चुनाव के लिए चंदे और प्रोजेक्ट में निवेश को लेकर विवाद शुरू हुआ था। इसके बाद मनमुटाव बढ़ता ही चला गया और मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। फैसला टाटा ग्रुप के पक्ष में आया और 2016 में उन्हें पद छोड़ना पड़ा। इसके बाद कुछ समय तक रतन टाटा अंतरिम चेयरमैन रहे और फिर एन चंद्रशेखरन को पद दे दिया गया।
टाटा और मिस्त्री के बीच विवाद की एक वजह टाटा वेलस्पन डील भी थी। कहा जाता है कि मिस्त्री ने यह डील बिना बोर्ड को जानकारी दिए की थी। इसे कर्पोरेट नियम का उल्लंघन बताया गया था। इस फैसले को लेकर टाटा सन्स की नाराजगी की खबर जब मीडिया में पहुंची तो मामला और भी बड़ा हो गया। बाद में दोनों के बीच सुलह हुई। हालांकि रिश्ते सुधर नहीं पाए।