देहरादून। जिलाधिकारी सविन बंसल ने प्रशासक नगर निगम रहने के दौरान छब्बीस वार्डों में डोर टू डोर कूड़ा उठान का काम करने वाली कंपनी इकॉन के टेंडर की जांच करवाई थी। इसमें फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद स्वास्थ्य और वित्त अनुभाग के कुछ तत्कालीन अधिकारियों पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है। निगम स्तर से की जा रही जांच में भी नगर आयुक्त के पद पर तैनात रहे तत्कालीन आईएएस अधिकारियों को गुमराह करने की बात सामने आई है। फिलहाल शनिवार को कर्मचारियों के फिर से हड़ताल करने पर नगर आयुक्त नमामी बंसल ने तत्काल प्रभाव से इकॉन कंपनी को हटा दिया है। जिलाधिकारी सविन बंसल को शिकायत मिली थी कि इकॉन कंपनी के टेंडर में कई तरह की अनियमितताएं बरती गई हैं। इसके बाद उन्होंने एक जांच समिति गठित की थी। जांच में सामने आया कि कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए स्वास्थ्य और वित्त अनुभाग के अधिकारियों ने न केवल कागजों में हेराफेरी की, बल्कि नियम ताक पर रखकर उच्चाधिकारियों के संज्ञान में लाए बिना कंपनी हित में फैसले लिए। यह सिलसिला इसके बाद भी जारी रहा। 2023 में नगर आयुक्त रहे आईएएस अधिकारी ने प्रक्रिया पर सवाल तक उठाए। उनके बाद नगर आयुक्त बने आईएएस अधिकारी ने एमएनएलपी की रिपोर्ट पर वार्ता के लिए लिखा। बावजूद नगर स्वास्थ्य अनुभाग ने आनन फानन में कंपनी को काम जारी रखने का आदेश जारी कर दिया। जबकि उस दौरान प्रशासक रहीं आईएएस अधिकारी से बिना अनुमति लिए कंपनी को काम जारी रखने का आदेश जारी किया गया। नगर आयुक्त नमामी बंसल ने कहा है कि इस मामले की विस्तृत जांच जारी है। उन्होंने कहा कि जिसके स्तर से भी लापरवाही बरती गई है, उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई होगी।
इकॉन कंपनी के साथ कार्य कर रहे सफाई वाहन चालकों और हेल्परों ने शनिवार सुबह वेतन जारी नहीं करने के विरोध में कंपनी के दफ्तर पर ताला जड़ दिया। इसके बाद कई कर्मचारी सफाई वाहन लेकर निगम पहुंच गए। उन्होंने बताया कि कंपनी ने उन्हें डीजल सीएनजी देने से मना कर दिया था। इस कारण वह वार्डों में नहीं जा पाए। इसके बाद मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अविनाश खन्ना और सहायक नगर आयुक्त राजबीर सिंह चौहान ने वार्ता कर वाहनों का संचालन शुरू करवाया। इकॉन कंपनी को निगम ने तीस अप्रैल तक का समय दिया था, लेकिन अब कर्मचारियों की नाराजगी के बाद तत्काल प्रभाव से सनलाइट कंपनी को काम संभालने के निर्देश दिए हैं।