रैणी गांव में जोशीमठ-मलारी हाईवे का 40 मीटर हिस्सा जमींदोज, चीन सीमा से जुड़े गांवों के साथ ही सेना व आईटीबीपी की चौकियों का संपर्क कटा
जियोलॉजिकल टीम ने रैणी गांव क्षेत्र का किया भूगर्भीय सर्वेक्षण
जयन्त प्रतिनिधि।
चमोली। अतिवृष्टि से रैणी गांव में जोशीमठ-मलारी हाईवे का लगभग 40 मीटर हिस्सा भूस्खलन से जमींदोज हो गया था। इसके चलते चीन सीमा से जुड़े गांवों के साथ ही सेना व आईटीबीपी की चैकियों का संपर्क कट गया है। राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिगत महत्वपूर्ण मोटर मार्ग होने के कारण यहां पर सड़क निर्माण किया जाना अत्यंत आवश्यक है।
रैणी गांव में भूस्खलन के खतरे को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा शनिवार को जियोलॉजिकल टीम के माध्यम से गांव क्षेत्र का भूगर्भीय सर्वेक्षण कराया गया। साथ ही प्रभावित परिवारों के विस्थापन हेतु प्रशासन द्वारा चिन्हित भूमि का भी टीम द्वारा सर्वे किया गया। जियोलॉजिक सर्वे की आख्या आने के बाद शीघ्र ही इस पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी। अतिवृष्टि से रैणी गांव में जोशीमठ-मलारी हाईवे का लगभग 40 मीटर हिस्सा भूस्खलन से जमींदोज हो गया था। इसके चलते चीन सीमा से जुडे गांवों के साथ ही सेना व आईटीबीपी की चैकियों का संपर्क कट गया है। हिल साइड कटिंग में जो भी भूमि भवन प्रभावित हो रहे थे उनको बीआरओ ने पूरा मुआवजा देने का भरोसा दिया था, लेकिन गांव में भू-धसवा एवं भूस्खलन के दृष्टिगत जिला प्रशासन द्वारा भू-गर्भीय सर्वे कराने के लिए देहरादून से जियोलॉजिकल टीम बुलाई गई। शनिवार को टीम ने तहसील प्रशासन के साथ रैणी गांव क्षेत्र तथा विस्थापन के लिए चिन्हित भूमि का सर्वेक्षण कार्य पूरा कर लिया गया है। जिला प्रशासन के अधिकारी पहले दिन से ही रैणी गांव के निवासियों से उनकी समस्याओं और सुरक्षा को लेकर लगातार बातचीत कर रहे हैं और निरंतर संपर्क में बने हुए हैं। रैणी वल्ली के समीप जोशीमठ-मलारी राजमार्ग पर हुए भूस्खलन के पश्चात जिला प्रशासन द्वारा सुरक्षा के दृष्टिगत भूस्खलन क्षेत्र के समीप निवासरत ग्रामीणों का अस्थाई रूप से विस्थापन करते हुए रैणी चकलाता के राजकीय प्राथमिक विद्यालय एवं राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में रहने की व्यवस्था की गई है। इन विद्यालयों में प्रभावितों के लिए बिजली, पानी, रजाई, गद्दे, साफ-सफाई आदि सभी व्यवस्थाएं प्रशासन द्वारा की गई है। विगत दिवस को इन विद्यालयों में 13 लोग ठहरे थे। पहले ग्रामीणों के रहने की व्यवस्था राइका तपोवन में की गई थी परन्तु ग्रामीणों ने गांव से दूर इस स्थान से अपने मवेशियों की देखभाल तथा खेतीबाड़ी की समस्या के कारण यहां पर रहने से इनकार कर दिया था।
रैणी गांव में जिस स्थान पर चिपको आन्दोलन की नेत्री गौरा देवी की मूर्ति लगी थी वह जगह भी असुरक्षित होने के कारण जिला प्रशासन ने गौरा देवी की मूर्ति को सम्मान सहित सुरक्षित रख दिया है और जल्द ही सुरक्षित स्थान पर गौरा देवी की थीम से पार्क तैयार कर उसमें मूर्ति स्थापित की जाएगी। ग्रामीणों द्वारा बीआरओ के सड़क कटिंग के कार्य से गांव को होने वाले संभावित खतरों को लेकर जताई गई चिंता को लेकर संयुक्त मजिस्ट्रेट/उप जिला मजिस्ट्रेट जोशीमठ द्वारा बीआरओ के अधिकारियों से वार्ता करते हुए सड़क निर्माण के दौरान सुरक्षा मानकों का पूरा ध्यान रखने की हिदायत दी गई है। बीआरओ ने भी सुरक्षा के सभी मानकों का पालन करने की बात कही।