आशा फैसिलिटेटर संगठन ने सौंपा स्वास्थ्य मंत्री डा. धनसिंह को ज्ञापन
देहरादून। आशा फैसिलिटेटरों को 20 दिन की मोबिलिटी के बजाए 30 दित का निश्चित मानदेय दिया जाए। जो कि 24 हजार हो। आशा फैसिलिटेटर संगठन ने स्वास्थ्य मंत्री डा. धनसिंह रावत को ज्ञापन देकर ये मांग उठाई। संगठन का एक प्रतिनिधिमंडल बुधवार को मंत्री से उनके आवास पर मिला। संगठन की प्रदेश महामंत्री रेनू नेगी ने कहा कि वर्तमान में हम आशा फैसिलिटेटर एनएचएम के अन्तर्गत फील्ड वर्कर के पद पर कार्यरत हैं। जो 2007 से 2010 तक आशा के पद पर अपने-अपने गांवों में कार्यरत थी। 2010 में शासनादेश के आधार पर योग्यतानुसार हमारी नियुक्ति आशा फैसिलिटेटर के पद पर कर दी गयी। हमारा कार्य 15 से 30 आशाओं व 12 से 15 ग्राम पंचायतों को देखना होता है। लेकिन मानदेय के नाम पर न्यूनतम मंजूरी 20 विजिट के आधार पर दी जाती है। जबकि काम हम से पूरे माह का लिया जाता है। इसके साथ-साथ राष्ट्रीय कार्यक्रमों में प्रतिभाग और कोविड-19 में लगातार काम कर रही हैं। ज्यादातर पिछले 15 सालों से कार्यरत हैं। ऐसे में अब सरकार को उनकी समस्याएं हल कर देनी चाहिए। उनकी मांग कार्य एवं परिश्रम को देखते हुए हमें 20 दिन की मोबिलिटी के स्थान पर 30 दिन का निश्चित मानदेय 24 हजार दिया जाय। कोविड-19 में किये गये कामों के लिए सम्मानजनक मानदेय दिया जाए।आशा फैसिलिटेटरों को 2017 का जून, जुलाई एवं अगस्त का मोबिलिटी भुगतान तुरंत किया जाए।