डीएम के तहसील दिवस में उठी बिजली, पानी, अतिक्रमण, सड़क सहित मूलभूत समस्यायें
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। जिलाधिकारी पौड़ी गढ़वाल डॉ. विजय कुमार जोगदण्डे की अध्यक्षता में आयोजित तहसील दिवस में जनप्रतिनिधियों और स्थानीय लोगों ने बिजली, पानी, अतिक्रमण, सड़क, नालियों और पार्किंग सहित लगभग 76 समस्याओं को प्रमुखता से उठाकर उनके निस्तारण की मांग की। जिलाधिकारी ने अधिकांश समस्याओं का मौके पर ही निस्तारण कर दिया, जबकि शेष समस्याओं के निस्तारण के लिए संबंधित विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि लोगों की समस्याओं का निस्तारण तहसील स्तर पर ही करना सुनिश्चित करें, ताकि उन्हें परेशानियों का सामना करते हुए जनपद मुख्यालय न आना पड़ें।
मंगलवार को तहसील सभागार में जिलाधिकारी डॉ. विजय कुमार जोगदण्डे की अध्यक्षता में तहसील दिवस का आयोजन किया गया। पार्षद विपिन डोबरियाल ने सिंचाई नहर का मुद्दा उठाते हुए कहा कि सिंचाई विभाग की नहरें जगह-जगह मलवे से भरी पड़ी हुई है। इन नहरों की पिछले काफी समय से सफाई नहीं कराई गई है। कई बार विभागीय अधिकारियों को शिकायत करने के बावजूद भी समस्या का निस्तारण नहीं हो पा रहा है। बरसात होने से नहरों का गंदा पानी लोगों के घरों में घुस रहा है। जिस कारण लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पार्षद ने आरोप लगाते हुए कहा कि सिंचाई विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से नहरों के स्वरूप को बदला जा रहा है। आलम यह है कि सिंचाई विभाग के पास नहरों का नक्शा तक नहीं है। उन्होंने जिलाधिकारी से सिंचाई विभाग के अधिकारियों को समस्या के निस्तारण के लिए निर्देशित करने की मांग की। जिलाधिकारी ने सिंचाई विभाग और नगर निगम को संयुक्त रूप से सिंचाई नहरों की सफाई कराने और नक्शा बनाने को कहा। अधिवक्ता प्रवेश रावत ने अतिक्रमण का मुद्दा उठाते हुए कहा कि शहर में जगह-जगह अतिक्रमण होने से लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। शहर में ऐसी कोई भी सड़क नहीं है, जिस पर अतिक्रमण न हो। अतिक्रमण के कारण शहर में हर समय जाम की स्थिति बनी रहती है। उन्होंने कहा कि पुलिस और परिवहन विभाग दुपहिया वाहनों के चालन तो कर रहा है, लेकिन उन्हें उपखनिज से भरे ओवर लोड डंपर नहीं दिखाये दे रहे है। ओवर लोड डंपरों के कारण जहां एक ओर जगह-जगह सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई है वहीं हर समय दुर्घटना का खतरा बना रहता है। जिस पर जिलाधिकारी ने परिवहन विभाग को जांच करने के निर्देश दिये।
पार्षद अनिल रावत ने नाले की समस्या उठाते हुए कहा कि बलभद्रपुर में सिंचाई विभाग का नाला है। इस नाले की निकासी न होने से नाले का गंदा पानी लोगों के घरों में घुस रहा है। सिंचाई विभाग के अधिकारियों को कई बार समस्या के बारे में अवगत कराया गया, लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सड़क के किनारे लोक निर्माण विभाग की ओर से नाली का निर्माण किया गया है, लेकिन नाली की सफाई नहीं होने से गंदा पानी नाली में जमा हो रहा है। जिस कारण डेगूं, मलेरिया सहित अन्य बीमारियों के होने का खतरा बना हुआ है। सुशील कुमार थपलियाल ने गढ़वाली टंकी लालपुर क्षेत्र में पेयजल की समस्या उठाते हुए कहा कि क्षेत्र में आये दिन पेयजल की समस्या बनी रहती है। पेयजल की आपूर्ति का समय भी लोगों को पता नहीं है। जिस पर जिलाधिकारी ने जल संस्थान के अधिकारियों को पेयजल की आपूर्ति का समय और पेयजल आपूर्ति बाधित होने पर प्रचार-प्रसार करने को कहा। ताकि लोगों को दिक्कतों का सामना न करना पड़े। इस मौके पर महापौर श्रीमती हेमलता नेगी, पूर्व मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी, उपजिलाधिकारी योगेश मेहरा, नगर आयुक्त पीएल शाह, तहसीलदार विकास अवस्थी, प्रभारी मुख्य विकास अधिकारी/ पीडी संजीव कुमार रॉय, मुख्य कृषि अधिकारी डीएस राणा, मुख्य पशुपालन अधिकारी एसके बर्तवाल, मत्स्य अधिकारी अभिषेक मिश्रा, सिंचाई अधिकारी राजीव रंजन, जिला पर्यटन विकास अधिकारी के एस नेगी, जिला पूर्ति अधिकारी कोहली, जिला शिक्षा के एस रावत, बाल विकास अधिकारी जितेंद्र कुमार, एडीपीआरओ नितिन नौटियाल, सहायक समाज कल्याण अधिकारी अनिल सेमवाल, लोक निर्माण विभाग दुगड्डा के अधिशासी अभियंता निर्भय सिंह, जल संस्थान कोटद्वार के अधिशासी अभियंता एलसी रमोला, राजकीय बेस अस्पताल कोटद्वार के प्रमुख अधीक्षक डॉ. वीसी काला सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे। (फोटो संलग्न है)
कैप्शन02: तहसील दिवस में जिलाधिकारी डॉ. विजय कुमार जोगदण्डे को समस्या बताते हुए फरियादी।
बॉक्स समाचार
जब तक ऑटो स्टैण्ड नहीं बनेगा तब तक नए ऑटो का पंजीकरण न करें: डीएम
कोटद्वार। जिलाधिकारी डॉ. विजय कुमार जोगदण्डे ने सभी विभागों को निर्देशित किया कि जिन प्रकरणों पर प्रस्ताव तैयार किये गये हैं, उन पर शीघ्रता से कार्यवाही करना सुनिश्चित करें। साथ ही उन्होंने विवादस्त मामलों की जांच आख्या भी उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। तहसील दिवस में नगर पालिका दुगड्डा, नगर निगम कोटद्वार, लोक निर्माण विभाग सहित अन्य विभागों के जो निर्माण कार्य संबंधी शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इस संबंध में जिलाधिकारी ने संबंधितों को निर्देशित किया कि यदि निर्माण कार्यों के संबंध में पूर्व में जांच कमेटियां गठित की गई हों, तो वे जांच आख्या उपलब्ध करायें और यदि जांच कमेटियां नहीं बनाई गई हैं, तो एक जांच अधिकारी नामित करते हुए जांच कराना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने एआरटीओ से कोटद्वार में पंजीकृत ऑटो की जानकारी ली। उन्होंने निर्देशित किया कि जब तक ऑटो स्टैण्ड नहीं बनाया जाता है, तब तक नए ऑटो का पंजीकरण न करें।
जिलाधिकारी ने कहा कि लोक निर्माण विभाग, एनएच एवं अन्य संबंधित विभागों द्वारा जो निर्माण कार्य हो रहे हैं, उनकी गुणवत्ता की जांच हेतु समिति के माध्यम से नियमित रूप से सैम्पलिंग की जायेगी तथा गुणवत्ता कम पाये जाने पर संबंधित ठेकेदार एवं विभाग के खिलाफ आवश्यक कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने अतिक्रमण के मामलों के निस्तारण हेतु संबंधित विभागों को तत्काल कार्यवाही करने के निर्देश दिये। साथ ही नगर निगम कोटद्वार को निर्देशित किया गया कि एक संयुक्त टीम बनाकर अस्थाई अतिक्रमण को तत्काल हटाना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने परिवहन विभाग के अधिकारी को निर्देशित किया कि सयुंक्त टीम बनाकर छापामारी अभियान चलाए। आम जनमानस को परेशानी नहीं होनी चाहिए। इस बात को गंभीरता से लेना सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने समाज कल्याण विभाग के अधिकारी को निर्देशित किया कि मानकों के अनुरूप दिव्यांगों के प्रमाण पत्र तथा पेंशन बनवाना सुनिश्चित करें, जिससे दिव्यांग जनों को परेशानियों का सामना न करना पड़े।
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पूर्व मंत्री ने की खनन नीति पर रोक लगाने की मांग
कोटद्वार। जिलाधिकारी की अध्यक्षता में आयोजित तहसील दिवस में प्रदेश के पूर्व काबीना मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी ने विभिन्न विभागों की समस्याओं को उठाकर तत्काल समस्याओं के निस्तारण की मांग की। उन्होंने जिलाधिकारी के माध्यम से वर्तमान खनन नीति पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने एवं पर्वतीय क्षेत्रों की भौगौलिक परिस्थितियों के अनुसार पारदर्शी खनन नीति बनाने को लेकर शासन को ज्ञापन प्रेषित किया।
पूर्व काबीना मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी ने वर्तमान में कोटद्वार में सिंचाई गूलों की समस्या उठाते हुए कहा कि विगत साढ़े चार साल में गूलों की सफाई न होने से किसानों को फसलों की सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने सिंचाई गूलों की सफाई के लिए सिंचाई विभाग को निर्देशित करने की मांग की है। साथ ही यदि नगर निगम को गूलों की सफाई करनी है तो उक्त गूलों को नगर निगम को हस्तांतरित करने की बात कही। इसके अलावा झूलते तारों एवं चालीस मीटर से अधिक दूरी पर घरों के कनेक्सनों के लिए विद्युत पोलों की व्यवस्था के लिए धनराशि स्वीकृत करवाने, लोक निर्माण विभाग के द्वारा बनाई गई सड़कों के किनारे बनी पानी की नालियों की निकासी के लिए सम्बधित विभाग को निर्देशित करने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि बरसात में नालियां चोक हो जाने से बरसात का पानी सड़कों में बहता रहता है, जिससे सड़के क्षतिग्रस्त हो रही है। वहीं नगर निगम की महापौर श्रीमती हेमलता नेगी ने शहर में बढ़ते आवारा पशुओं के लिए पांच एकड़ भूमि दिये जाने, डॉक्टर सहित चारा पत्ती की व्यवस्था किये जाने के लिए शासन स्तर पर वार्ता करने की मांग की है। इसके अलावा खनन के डंपरों से पेयजल, क्षतिग्रस्त मार्गो एवं गूलों की मरम्मत किये जाने, नगर निगम में पार्को के लिए भूमि उपलब्ध करवाने की मांग की गयी। महापौर ने नगर निगम में रिक्त पदों पर भर्ती के लिए शासन से वार्ता करने की बात कही।
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बार संघ ने की तहसील में व्याप्त समस्याओं के निस्तारण की मांग
कोटद्वार। बार एसोसिएशन कोटद्वार ने जिलाधिकारी पौड़ी गढ़वाल को ज्ञापन सौंपकर भूलेख अनुभाग में पर्याप्त कर्मियों की नियुक्ति करने, राजस्व अभिलेखों की अशुद्धियों को दूर करने सहित तहसील में व्याप्त विभिन्न समस्याओं के निस्तारण की मांग की। उन्होंने कहा कि भूलेख अनुभाग में रटिस्ट्रार कानूनगो पर कार्य का अत्यधिक भार रहता है, जबकि पौड़ी व लैंसडौन तहसीलों में अपेक्षाकृत कम कार्य है। आरके पद व पदासीन कार्मिक कोटद्वार से अधिक है। यदि पौड़ी या लैंसडौन से एक आरके को कोटद्वार स्थानान्तरित कर दिया जाता है तो कार्य सुगम रूप से हो सकेगा।
बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय कुमार पंत ने जिलाधिकारी को सौंपे ज्ञापन में कहा कि कोटद्वार तहसील में कोरोना काल के पूर्व से ही पीठासीन अधिकारी व भूलेख अनुभाग की असंतोष जनक कार्य प्रणाली के चलते दाखिल खारिज की कार्यवाही अत्यधिक सुस्त है। जिस कारण बड़ी संख्या में दाखिल खारिज प्रकरण लंबित है। दाखिल खारिज की प्रकिया 6 माह से अधिक समय तक पूरी नहीं हो पा रही है। जिस कारण भूमि क्रय करने वालों, अधिवक्ताओं और दस्तावेज लेखकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। भूलेख अनुभाग में पर्याप्त कर्मियों के न होने से भी यह समस्या बढ़ती जा रही है। उन्होंने कहा कि राजस्व अभिलेखों में कम्प्यूटरीकरण के बाद से बड़े पैमाने पर अशुद्धियां देखी गई है। पूर्व में ऐसी अशुद्धियों को यथाशीघ्र संशोधन करने के लिए जिलाधिकारी व मंडल आयुक्त के स्पष्ट निर्देश के बाद भी तहसीदार स्तर से अत्यधिक जटिल प्रक्रिया अपनाई जा रही है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि तहसील परिसर में व्याप्त गंदगी के निस्तारण को लेकर तहसील प्रशासन व नगर निगम द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जिस कारण लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।