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सूडान में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए ऑपरेशन कावेरी शुरू, 500 लोग सूडान पोर्ट पहुंचे

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नई दिल्ली, एजेंसी। सूडान में छिड़े गृहयुद्ध के बीच सूडान सेना दूसरे देश के नागरिकों की सुरक्षित निकासी के लिए तैयार हो गई है। जिसके बाद भारत सरकार ने ऑपरेशन कावेरी के जरिए वहां फंसे भारतीयों को बाहर निकालने का जिम्मा उठाया है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सूडान में भारतीयों को निकालने की प्रक्रिया पर ट्वीट करते हुए कहा कि सूडान में फंसे हमारे नागरिकों को वापस लाने के लिए ऑपरेशन कावेरी चल रहा है। उन्होंने कहा, “हमारे जहाज और विमान उन्हें वापस घर लाने के लिए तैयार हैं।
लगभग 500 भारतीय पोर्ट सूडान पहुंच गए हैं जबकि अन्य रास्ते में हैं। हमारे जहाज और विमान उन्हें वापस घर लाने के लिए तैयार हैं। हम सूडान में अपने सभी भाइयों की सहायता करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। बता दें लगभग 3,000 भारतीय सूडान में फंसे हुए है।
इससे पहले भारत में फ्रांस के दूतावास ने सूचित किया था कि उनके देश ने हिंसा प्रभावित सूडान से अपने निकासी मिशन के हिस्से के रूप में 27 अन्य देशों के नागरिकों के साथ कुछ भारतीयों को निकाला है । नई दिल्ली स्थित फ्रांसीसी दूतावास ने सोमवार को कहा कि भारत समेत 28 देशों के 388 लोगों को निकाला गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सूडान में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए शुक्रवार को एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। सेना और अर्धसैनिक बलों के बीच लड़ाई के कारण सूडान हिंसा का सामना कर रहा है। 72 घंटे के संघर्ष विराम के बीच भी हिंसा की खबरें आ रही हैं।
सूडानी सशस्त्र बलों (रआ) और अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्स के बीच 15 अप्रैल को हुई हिंसक झड़पें बेरोकटोक जारी हैं। सूडान के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, हिंसा में कम से कम 424 लोगों की मौत हुई है और करीब 3,730 लोग घायल हुए हैं।
सूडान में फंसे दून के नंदकिशोर समेत उत्तराखंड के सात लोग, नहीं हो पा रहा कोई संपर्क
देहरादून। देहरादून के नंद किशोर समेत उत्तराखंड के कुल सात लोग सूडान के संघर्ष में फंसे हुए हैं। पुलिस ने सोमवार को सभी की सूचना भारत सरकार को उपलब्ध करा दी है। इनमें दून के नंद किशोर के अलावा जुनैद अली, सलमा त्यागी, जुनैद त्यागी, इनायत त्यागी सभी निवासी हरिद्वार, जयपाल सिंह निवासी रुद्रप्रयाग और मोर सिंह निवासी टिहरी शामिल हैं।
जानकारी के अनुसार, देहरादून के नकरौंदा निवासी नंद किशोर बीते तीन दिनों से उनका परिवार से संपर्क नहीं हुआ है। आखिरी बार 21 अप्रैल को बात हुई तो उन्होंने पत्नी से कहा था कि यहां खाने पीने की दिक्कत शुरू हो गई है। बातचीत के बीच ही फोन कट गया था। इसके बाद से परिवार चिंता में है।
64 वर्षीय नंद किशोर पहले गुजरात में काम करते थे। उनकी पत्नी सुनीता ने बताया कि गत 20 मार्च को उन्हें गुजरात के ठेकेदार राशिद पटेल ने छह लोगों के साथ सूडान के खारतून भेजा था। उनके साथ गुजरात के सेवक राम वर्मा आदि लोग भी हैं। नंद किशोर सप्ताह में दो-तीन बार घरवालों से बात करते रहते थे। जब से सूडान में स्थिति खराब हुई परिवार वाले उनसे सुबह-शाम बात कर रहे थे।
उन्होंने बताया कि 21 अप्रैल की दोपहर में नंद किशोर का ही फोन आया था। उन्होंने पहले परिवार वालों के बारे में पूछा फिर कहने लगे कि यहां स्थिति खराब हो गई है। खाना नहीं मिल रहा है। पीने का साफ पानी भी नहीं मिल पा रहा है। सुनीता ने बताया कि इस बातचीत के बीच फोन अचानक कट गया। इसके बाद लगातार उनसे संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन कोई बात नहीं हुई।
नंद किशोर की पत्नी सुनीता सोमवार को जिलाधिकारी से भी मिलीं। जिलाधिकारी ने इस मामले में पुलिस और इंटेलीजेंस से बात कर आगे की कार्रवाई के लिए कहा है। सुनीता ने बताया कि उनके पति पिछले साल अगस्त में रक्षाबंधन पर घर आए थे। इसके बाद से फोन पर ही बात हो रही थी।
सांसद रमेश पोखरियाल निशंक भी नंद किशोर के परिवार से मिलने पहुंचे। उन्होंने परिवार को भरोसा दिलाया कि सभी भारतीयों को वापस लाने के लिए सरकार पूरा प्रयास कर रही है। कुछ जहाज सूडान पहुंच गए हैं। अन्य मित्र राष्ट्रों के रास्ते सूडान से भारतीय नागरिक निकाले जा रहे हैं। जल्द ही नंद किशोर भी भारत लौट आएंगे।

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