डक्टरों की कड़ी मेहनत से बच्चे को मिला नया जीवन
अल्मोड़ा। अल्मोड़ा मेडिकल कलेज से सम्बद्घ बेस अस्पताल में एक बहुत ही गंभीर मामले में बच्चे को पुनर्जन्म मिला है। जैंती निवासी पुष्पा शर्मा का बच्चा डिस्ट्रिक्ट हस्पिटल में पैदा होने के बाद बिल्कुल भी रोया नहीं था फलस्वरूप बच्चे को राजकीय बेस अस्पताल के लिए रेफर किया गया था। बच्चे की स्थिति गंभीर होने के कारण उसे तुरंत बेस अस्पताल की इमरजेंसी से एनआईसीयू में शिफ्ट किया गया एवं विभागाध्यक्ष डक्टर अमित कुमार सिंह के निर्देशन में बच्चे का इलाज शुरू किया गया। बाल रोग विशेषज्ञ ड ओमप्रकाश फौजदार ने बताया कि जन्म के समय नहीं रोने एवं छाती में मिकोनियम चले जाने के कारण बच्चे की स्थिति बहुत ही गंभीर थी, बच्चे को अक्सीजन देने के लिए वेंटिलेटर पर रखा गया। बच्चे का उपचार डक्टरों के लिए चुनौतीपूर्ण रहा। उपचार के तीसरे दिन रक्तस्राव होने से बच्चे में रक्त की कमी होने लगी जिस सम्बन्ध में हल्द्वानी ब्लड बैंक से संपर्क किया गया और परिजनों की मदद से खून मंगा कर चढ़ाया गया। इलाज के कुछ दिन बाद पेरीफेरल आइवी कैथेटर नहीं लगने की स्थिति में दिल्ली से पिक लाइन मंगवाकर बच्चे को लगाई गई। चार यूनिट रक्त चढ़ने के बाद बच्चे के रक्तस्राव में रुकावट हुई। करीब 14 दिन बाद बच्चे को वेंटीलेटर से हटा कर सांस की छोटी मशीन (सीपैप) पर लिया गया। इस दौरान बच्चे के स्वास्थ्य संबंधी सभी पैरामीटर्स की निरंतर निगरानी रखी गई। धीरे धीरे बच्चे की स्थिति में सुधार होने पर बच्चे का इलाज कर रहे डक्टर्स एवं नर्सिंग स्टाफ के मनोबल में वृद्घि हुई। जन्म के करीब 20 दिन बाद बच्चे को माँ का दूध शुरू किया गया। बच्चे की पाचन क्षमता के अनुसार धीरे धीरे दूध की मात्रा को बढ़ाया गया, फलस्वरूप बच्चे के वजन में वृद्घि होने लगी। बच्चे को करीब 40 दिन उपचार के बाद घर पर पालन हेतु निर्देशों के साथ डिस्चार्ज किया गया। बच्चे के उपचार पर परिजनों ने डक्टरों और स्टाफ का आभार व्यक्त किया। यहाँ उपचार में एनआईसीयू के असिस्टेंट प्रोफेसर डक्टर ममता निखुरपा, ड देवेंद्र मिश्रा, ड अजय चौबे, ड सौरभ, ड काशिफ एवं नर्सिंग स्टाफ रजनी यादव, सीमा, ज्योति, रेणु, उमा एवं मनीषा ने सहयोग दिया।