डीएम द्वारा तैनात प्रभारी सीएमएस ने किए हाथ खड़े
बागेश्वर। जिला चिकित्सालय में सीएमएस के पद पर स्थायी रूप से तैनाती करना सरकार व प्रशासन के लिए भारी हो गया है। जिलाधिकारी द्वारा तैनात प्रभारी सीएमएस ने भी हाथ खड़े कर दिए हैं तथा चार्ज लेने से इंकार कर दिया जिस कारण फिलहाल एसएन त्रिपाठी ही सीएमएस के पद पर हैं। वह भी आधे-अधूरे मन से काम कर रहे हैं। जिला अस्पताल से किसी तरह की जानकारी नहीं मिल रही है। फोन करने पर प्रभारी सीएमएस अपना दुखड़ा रोना शुरू कर देते हैं। इससे कोरोना जैसी महामारी कैसे निपटेगी यह बड़ा सवाल है। मालूम हो कि जिला चिकित्सालय में सीएमएस का पद तीन साल से रिक्त चल रहा है। प्रभारी सीएमएस डॉ. त्रिपाठी के अवकाश जाने पर स्थिति यह हो जाती है कि कभी यहां पर सुबह कोई और तो सायं कोई और प्रभारी सीएमएस बन जाते हैं। जिससे चिकित्सालय की व्यवस्थाएं चरमराती हैं। विगत तीन साल से प्रभारी सीएमएस का कार्यभार देखने वाले नेत्र सर्जन त्रिपाठी कोरोना से पीड़ित होने के कारण इलाज के बाद जब वापस आए तो उन्होंने स्वास्थ्य संबंधी परेशानी का हवाला देते हुए सीएमएस पद लेने से इंकार किया। उनके बार-बार अनुरोध के बाद जिलाधिकारी विनीत कुमार ने डॉ. एलएस बृजवाल को तत्काल प्रभाव से सीएमएस बनाने के आदेश दिए, परंतु उन्होंने भी यह पद लेने से इंकार कर दिया। जिस कारण इस पद पर फिलहाल डॉ. त्रिपाठी की ही तैनाती है। बताया जाता है कि चिकित्सालय में कार्यालय स्टाफ की कमी तथा अतिरिक्तलोड के चलते हर कोई इस पद को लेना नहीं चाहता है।