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प्रकृति के संरक्षण का संकल्प ही हरेला की सार्थकता : बाबा हठयोगी

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हरिद्वार। हरेला पर्व के अवसर पर श्रवणनाथ नगर स्थित श्री रामानंद आश्रम में बैरागी संतों ने पौधारोपण कर प्रदेश की खुशहाली की कामना की। इस दौरान बाबा हठयोगी दिगंबर महाराज ने कहा कि उत्तराखण्ड का लोक पर्व हरेला सांस्कृति व प्रकृति से सामंजस्य स्थापित करने का संदेश भी देता है। लेकिन विकास व अन्य जरूरतों के नाम पर वृक्षों के कटान से प्राकृतिक संपदा से परिपूर्ण उत्तराखण्ड भी प्रभावित हुआ है। इसलिए हरेला को एक पर्व के रूप में मनाने के साथ आज के दिन प्रकृति के संरक्षण का संकल्प भी लेना होगा। तभी इस पर्व की सार्थकता है। श्रीमहंत विष्णुदास महाराज व महंत रघुवीर दास महाराज ने सभी को हरेला की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सभी को एक पौधा अवश्य लगाना चाहिए। पौधा लगाने के साथ वृक्ष बनने तक उसका संरक्षण भी किया जाना चाहिए। रामानंद आश्रम के अध्यक्ष महंत प्रेमदास महाराज ने कहा कि बढ़ती भौतिक जरूरतों व विकास के नाम पर प्रकृति का अंधाधुंध दोहन से मानव जीवन के लिए बेहद कठिन परिस्थितयां उत्पन्न हो गयी है। सनातन धर्म व भारतीय संस्कृति में प्रकृति से तालमेल कर जीवन जीने की शिक्षा दी गयी है। लेकिन पाश्चात्य संस्कृति के प्रभाव के चलते प्रकृति का विनाश करने के दुष्परिणाम सामने आने लगे हैं। हाल ही में कोरोना की दूसर लहर में ऑक्सीजन की कमी से बड़ी संख्या में लोगों की असमय ही मौत हो गयी। जो कि बेहद दुखद है। लेकिन भविष्य के लिए सबक भी है कि प्रकृति का संरक्षण करना होगा। उन्होंने कहा कि लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ी है। प्रत्येक व्यक्ति को जीवन में एक पौधा अवश्य लगाना चाहिए। इस अवसर पर महंत प्रेमदास, महंत बिहारी शरण, महंत अंकित शरण, महंत रघुवीर दास, योगी गणेशदास, महंत दुर्गादास, महंत सुमित दास, महंत सूरजदास, महंत प्रह्लाद दास, स्वामी हरिहरानंद, स्वामी दिनेशदास, महंत हितेश दास, महंत गोविन्ददास महंत संतदास, महंत आदि संतजन उपस्थित रहे।

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