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100 किलो वजन के साथ उड़ान भर सकता है ड्रोन, नेवी के लिए खास तौर से हुआ है तैयारय इन खूबियों से है लैस

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नई दिल्ली, एजेंसी। देश की नौसेना में अत्याधुनिक सुविधाओं का समावेश किया जा रहा है। इस क्रम में पुणे की एक स्टार्ट कंपनी ने नया ड्रोन श्वरुणश् बनाया है। इसमें खासियतों की भरमार है। सबसे बड़ी खूबी तो यह है कि यह एक इंसान के साथ उड़ान भर सकता है। उड़ान के दौरान खराबी आने पर पैराशूट के जरिए सुरक्षित लैंडिंग की भी सुविधा है। भारी वजन उठाने की क्षमता रखने वाले इस ड्रोन को सागर डिदेंस इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड ने नाम दिया है श्वरुण (टंतनदं)श्। इस ड्रोन को जल्द ही भारतीय नौसेना में शामिल करने का प्लान है। भारतीय नौसेना की जरूरतों को दिमाग में रखकर इसकी डिजायनिंग की गई है।
भारतीय नौसेना में जल्द ही इंसानों को लेकर उड़ान भरने वाला ड्रोन शामिल किया जाएगा। 30 मिनट में 30 किमी तक उड़ान भरने की क्षमता वाले इस ड्रोन का नाम वरुण रखा गया है। एयर एंबुलेंस और दूर के इलाकों में सामान के ट्रांसपोर्ट के लिए इस खास ड्रोन का इस्तेमाल किया जा सकता है। महत्वपूर्ण यह है कि इस ड्रोन के जरिए 100 किलोग्राम के वजन को लाया ले जाया जा सकता है। इस ड्रोन की निर्माता कंपनी के को-फाउंडर बब्बर के अनुसार, हवा में तकनीकी खराबी आने के बाद यह ड्रोन सुरक्षित लैंडिंग करने में सक्षम है। दरअसल इसमें पैराशूट है, जो इमरजेंसी में अपने आप खुल जाएगा।
इसी साल जुलाई में इस ड्रोन की टेस्टिंग की गई थी। ऐसा माना जा रहा है कि इस तरह के ड्रोन को नौसेना में शामिल करने के बाद देश की सुरक्षा मजबूत होगी। साल 2016 में अमेरिका ने सबसे पहला ड्रोन तैयार किया था।
डायरेक्टर जनरल आफ सिविल एविएशन से ड्रोनों को उड़ाने के लिए एक विशिष्ट पहचान संख्या लेना आवश्यक होता है। इसके अलावा सैन्य इलाकों या रणनीतिक तौर पर खास इलाके में ड्रोन को उड़ाने की अनुमति नहीं है। किसी भी एयरपोर्ट के आस-पास के 3 किमी के दायरे और अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के आस-पास 5 किमी के दायरे में ड्रोन को प्रवेश की इजाजत नहीं है। वहीं दूसरे देशों से सटी सीमा के 25 किलोमीटर के दायरे में ड्रोन को उड़ाने की इजाजत नहीं है।

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