उत्तराखंड

झूतिया हादसे में जिंदा बचे मजदूर को तीन दिन बाद मिली डक्टरी मदद

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नैनीताल। प्रातिक आपदा के कारण तल्ला रामगढ़ के झूतिया में घर में दबकर नौ मजदूरों की मौत हो गई। किसी तरह एक मजदूर राजन साह (27) जिंदा बच गया। राजन को स्थानीय निवासी ष्णानंद शास्त्री ने अपने घर पर शरण दी है। ष्णानंद उसे किसी तरह दवा व भोजन उपलब्ध करवा रहे हैं। पर हैरानी की बात है कि इतनी बड़ी त्रासदी में घायल हुए इस मजदूर को तीन दिन बाद गुरुवार शाम को चिकित्सा सुविधा मिल पाई। जांच में पता चला है कि राजन के सिर और छाती में गहरी चोट है। वह पैदल चलने की स्थिति में नहीं है इसलिए सड़क खुलने के बाद ही उसे अस्पताल पहुंचाया जा सकेगा।
झूतिया निवासी ष्णानंद शास्त्री के अनुसार राजन साह नेपाल के चितवन जिले का रहने वाला है। बेतिया के मजदूरों के साथ ही यहां आया था उसकी बोली भी बिहार की ही है। शास्त्री ने बताया हादसे के बीच राजन पानी और मलबे के साथ बहकर घर के बाहर आया। ग्रामीण उसे बचाकर उनके पास ले आए। घर पर उपलब्ध दवाओं से ही अब तक उसका उपचार किया गया है। पहले दो दिन तो राजन पूरी तरह से सदमे में था। अब वह कुछ बोलने लगा है और खुद चल भी रहा है। उसकी तबीयत अब भी ठीक नहीं है। उसे अस्पताल ले जाने की जरूरत है। गुरुवार शाम को यहां स्वास्थ्य विभाग की टीम तीन दिन बाद पहुंची है। उसे अस्पताल पहुंचाने की कोई बात नहीं हुई है।

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