मणिपुर में नहीं थम रही हिंसा की आग, उग्रवादियों ने महिला सहित 3 लोगों की ली जान; दो घायल
इम्फाल, एजेंसी। मणिपुर में मेतई समुदाय और कुकी समुदाय के बीच हिंसा थम नहीं रही। दोनों समुदायों के बीच 3 मई से हिंसा जारी है। शुक्रवार को मणिपुर में एक और हिंसक घटना घटी।
जानकारी के अनुसार शुक्रवार को मणिपुर के खोकेन गांव में संदिग्ध उग्रवादियों ने एक महिला सहित तीन लोगों की हत्या कर दी और दो अन्य लोगों को घायल कर दिया। यह गांव कांगपोकपी और पश्चिम इम्फाल जिले के बीच की सीमा पर स्थित है। बता दें कि संदिग्ध आतंकवादी और पीड़ित विभिन्न समुदायों से ताल्लुक रखते हैं।
पुलिस के अनुसार, कथित तौर पर खाकी पोशाक पहने हुए चरमपंथी सैन्य वाहन चला रहे थे। चरमपंथियों ने शुक्रवार की सुबह खोकेन गांव में आए और स्वचालित राइफलों से ग्रामीणों पर गोलीबारी शुरू कर दी।
बता दें कि 10 जून तक राज्य में इंटरनेट सेवा भी बंद कर दिया गया है। इस हिंसा में अभी तक 80 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। बता दें कि इंटरनेट सेवाएं बहाल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। हालांकि, अदालत ने इस पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया है।
इसी बीच अधिकारियों ने समाचार एजेंसी पीटीआइ को जानकारी दी कि केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (उइक) ने मणिपुर हिंसा के मामलों की जांच के लिए डीआईजी रैंक के अधिकारी के तहत विशेष कमिटी का गठन किया है। बता दें कि विशेष कमिटी ने मणिपुर हिंसा के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 6 मामले दर्ज किए।
चंद्रशेखर ने कहा 2004 से 2014 तक की अवधि को प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हुई प्रगति की दृष्टि से देखें तो इसका सबसे उपयुक्त वर्णन होगा भ्रष्टाचार की दुकान। न्होंने कहा यह वह दौर था जब 2जी घोटाला हुआ एंट्रिक्स-देवास घोटाला हुआ।